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राजस्थान से ही शुरू हुआ था लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर, जानिए उनसे जुड़ी ये खास बातें...

LK Advani Political Career: भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की तबियत एक बार फिर बिगड़ गई है। उन्हें कुछ दिन पहले ही एम्स अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। भारतीय राजनीति में लालकृष्ण...
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LK Advani Political Career: भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की तबियत एक बार फिर बिगड़ गई है। उन्हें कुछ दिन पहले ही एम्स अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। भारतीय राजनीति में लालकृष्ण आडवाणी (LK Advani Political Career) एक विशेष पहचान रखते हैं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर भाजपा को हाशिए से शीर्ष तक पहुंचाया। लालकृष्ण आडवाणी को देश की जनता पीएम के रूप में देखना चाहती थी। लेकिन उस समय भाजपा को दो चुनाव में लगातार हार झेलनी पड़ी। लेकिन फिर 2014 में उनके मार्गदर्शन में बीजेपी ने प्रचंड जीत दर्ज की। चलिए जानते हैं लालकृष्ण आडवाणी के राजनीतिक सफर से जुड़ी ये ख़ास बातें...

राजस्थान में आरएसएस के प्रचारक बने: (LK Advani Rajasthan Connection)

बता दें लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में साल 1927 में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा कराची से पूरी हुई। लेकिन उसके बाद उनका परिवार विभाजन के दौरान भारत में आकर बसा। छात्र जीवन के दौरान ही लालकृष्ण आडवाणी आरएसएस से जुड़कर समाज सेवा के लिए समर्पित हो गए। लालकृष्ण आडवाणी राजस्थान में आरएसएस से प्रचारक के रूप में जुड़ गए। उसके बाद से इन्होने देश और समाज सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया।

राजस्थान से राजनीति की शुरुआत! (LK Advani Political Career Hindi)

लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कई बड़े पदों के जरिए सेवा कार्य किए। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि उनकी राजनीति की असल शुरुआत राजस्थान से ही हुई थी। जब 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई तो लालकृष्ण आडवाणी को राजस्थान में पार्टी की इकाई के सचिव की जिम्मेदारी मिली थी। उसके बाद उनका राजनीति में कद बढ़ता गया और फिर देश के उप प्रधानमंत्री बने।

गांधीनगर से लड़ा लोकसभा का चुनाव: 

1989 में इन्होने दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 1998 में लालकृष्ण आडवाणी ने गांधीनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीत दर्ज की। 1999 के चुनाव के बाद लालकृष्ण आडवाणी को भारत के गृह मंत्री के रूप में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। 2002 में आडवाणी भारत के उप प्रधानमंत्री बने। 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने विपक्ष के नेता के रूप में काम किया। लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने अपन राजनीति करियर में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी भी संभाली हैं।

ऊर्जावान भाषण से विपक्षी हो जाते खामोश:

लालकृष्ण आडवाणी ने राजनीति के लिहाज से गांधीनगर को अपना निर्वाचन क्षेत्र बनाया। इस लोकसभा सीट से उन्होंने लगातार 6 बार सांसद का चुनाव जीता। लालकृष्ण आडवाणी फिलहाल सक्रीय राजनीति से दूर हैं। लेकिन सदन में वो हमेशा मुखर रहे। उनके ऊर्जावान भाषण सुनकर विपक्षी पार्टी के सदस्य भी खामोश हो जाते थे। उन्होंने हमेशा जनहित से जुड़े मुद्दों को सदन में पुरजोर से उठाया। वो सदन में सरकार के अच्छे कार्यों की सराहना भी करते थे और गलत नीतियों पर ये तल्ख टिप्पणी करने से भी नहीं चुकते थे।

भारत रत्न: आडवाणी जी

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर बेहद चुनौतियों भरा रहा, लेकिन उन्होंने जिस मेहनत के साथ पार्टी के लिए कार्य किया उसका नतीजा अब देखना को मिल रहा है। राम मंदिर के निर्माण के लिए उन्होंने राम रथ यात्रा की शुरुआत की थी, जिसके बाद देश में राष्ट्रभक्ति की एक नई अलख जगी थी।

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