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Tirupati Balaji Stampede: त्रासदी में तब्दील हुआ तिरुपति दर्शन, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर प्रबंधन पर सवाल

Tirupati Balaji Stampede: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार को हुए भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मृतकों में विशाखापट्टनम की शांति भी शामिल हैं, जो वैकुंठ एकादशी के अवसर पर...
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Tirupati Balaji Stampede: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार को हुए भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मृतकों में विशाखापट्टनम की शांति भी शामिल हैं, जो वैकुंठ एकादशी के अवसर पर अपने पति वेंकटेश और बेटे के साथ तिरुपति दर्शन के लिए आई थीं।

खुशियों का सफर बना दुखद घटना

बुधवार रात को हुई इस त्रासदी ने शांति के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, शांति और उनका परिवार विष्णु निवासम के पास विशेष दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए लाइन में खड़ा था।

इस दौरान, कतार में खड़ी एक अन्य महिला की तबीयत बिगड़ गई। जब अधिकारियों ने महिला को बाहर निकालने के लिए एक गेट खोला, तो सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यह समझा कि टोकन के लिए गेट खोला गया है और बाहर निकलने की कोशिश की। इस अफरा-तफरी में भगदड़ मच गई।

"हमने अस्पतालों में तलाश किया"

वेंकटेश ने बताया कि उनकी पत्नी शांति भगदड़ में गिर गईं, लेकिन उन्हें इसका एहसास भी नहीं हुआ। "पुलिस प्रबंधन बहुत खराब था। मेरी पत्नी कतार में आगे थीं। हमें पता ही नहीं चला कि वह गिर गई हैं। भगदड़ के बाद हमने उन्हें अस्पतालों में ढूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उनकी मौत की खबर हमें एक वायरल वीडियो से मिली।"

सरकार ने उठाए कदम

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना के बाद गुरुवार को समीक्षा बैठक बुलाई। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री मृतकों के परिवारों से मुलाकात करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "तिरुपति, आंध्र प्रदेश में भगदड़ से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।"

श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने मंदिर प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वैकुंठ एकादशी जैसे विशेष अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने के लिए उचित प्रबंधन की कमी इस त्रासदी का मुख्य कारण बनी। मृतकों के परिवारों और घायलों के प्रति सभी की संवेदनाएं हैं, लेकिन इस घटना से सीख लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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