राजनीति कोई रियलिटी शो नहीं, अनुभव से चलती है सरकार!’, गहलोत ने भजनलाल को घेरा
Ashok Gehlot: राजस्थान की राजनीति में बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी से सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर तंज कसते हुए अनुभवहीनता का मुद्दा उठाया है। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शासन चलाने के लिए अनुभव होना जरूरी है, वरना जनता को नुकसान उठाना पड़ता है।
जोधपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक बड़ा अवसर मिलने की बात कही, क्योंकि वे पहली बार विधायक बने और सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे।(Ashok Gehlot) गहलोत ने कहा कि ऐसा बहुत कम लोगों के साथ होता है, इसलिए उन्हें अनुभवी सलाहकारों की जरूरत है।
गहलोत ने भाजपा नेतृत्व पर आरोप लगाया कि राजस्थान में पार्टी के कई अनुभवी नेता हैं, लेकिन सरकार उन्हें नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर इन अनुभवी नेताओं का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो सरकार बेहतर सुशासन दे सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के फैसलों में अनुभव की कमी साफ झलक रही है। इसका सीधा असर प्रशासनिक कार्यों पर पड़ रहा है, जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गहलोत के इस बयान से राजस्थान की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। अब देखना यह होगा कि भाजपा सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।
जिलों के पुनर्गठन पर भाजपा की राजनीति
गहलोत ने भाजपा सरकार के जिलों के पुनर्गठन को रद्द करने के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रशासनिक सुविधा और जनता की सहूलियत के लिए नए जिले बनाए थे, लेकिन भाजपा सरकार ने इस फैसले को पलटकर जनता के साथ अन्याय किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए जनता के हितों से खिलवाड़ कर रही है।
गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार चिरंजीवी योजना को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जिससे गरीबों को इलाज मिलना बंद हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार निजी अस्पतालों को भुगतान नहीं कर रही, जिससे वे इस योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं कर रहे। सरकारी अस्पतालों में भी दवाओं और जांच सुविधाओं की भारी कमी है।
‘भाजपा सरकार शिक्षा विरोधी’
गहलोत ने भाजपा पर शिक्षा विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं देना चाहती, इसलिए इन स्कूलों की समीक्षा के नाम पर उन्हें बंद करने की तैयारी की जा रही है।
गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने विधानसभा सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि जब कांग्रेस सवाल उठाती है, तो मुख्यमंत्री जवाब देने के बजाय लंबा भाषण देकर ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और कांग्रेस इसका हर स्तर पर विरोध करेगी।
‘भाजपा में अनुभव तो है, लेकिन इस्तेमाल नहीं हो रहा’
गहलोत ने कहा कि भाजपा में कई अनुभवी नेता हैं, लेकिन सरकार उन्हें किनारे कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान में सुशासन देना चाहते हैं, तो उन्हें अनुभवी नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद लेनी चाहिए। उन्होंने अपनी सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि वे खुद तीन बार मुख्यमंत्री रहे, फिर भी उन्होंने अनुभवी सलाहकारों की मदद ली थी।
गहलोत ने चेतावनी दी कि अगर भाजपा सरकार जनहित की योजनाओं को कमजोर करती रही और प्रशासनिक फैसलों में अनुभवहीनता दिखाती रही, तो कांग्रेस जनता के साथ मिलकर सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए, वरना इसे बड़ा जनआक्रोश झेलना पड़ेगा।
यह भी पढ़ें: विधानसभा में ‘महाभारत’! कांग्रेस का अखाड़ा बना सदन, सरकार बेबस, गतिरोध बरकरार!
यह भी पढ़ें: “BJP राष्ट्रीय परिषद में राजस्थान के इन नेताओं की एंट्री!” अध्यक्ष चुनाव में डालेंगे वोट, पूरी सूची देखें!
.