CM bhajan lal sharma: राजस्थान की राजनीति में रिफाइनरी प्रोजेक्ट एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। पचपदरा में बन रही यह मेगा रिफाइनरी राज्य को न केवल औद्योगिक प्रगति की ओर ले जाएगी, बल्कि राजनीतिक रूप से भी सरकार के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगी। चुनावी समीकरणों में यह प्रोजेक्ट सत्ता पक्ष को नई ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पचपदरा रिफाइनरी साइट पर पहुंचकर जहां निर्माण प्रगति की समीक्षा की, वहीं नाइट्रोजन प्लांट का उद्घाटन कर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को जनता के सामने रखा। (CM bhajan lal sharma)इस दौरान सीएम ने अधिकारियों से कहा कि मार्च 2025 तक रिफाइनरी का काम हर हाल में पूरा होना चाहिए। सभी 11 यूनिट के चालू होने से न केवल राजस्थान में रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे, बल्कि यह प्रोजेक्ट सरकार की विकासपरक छवि को भी मजबूत करेगा।
इस दौरे के दौरान सीएम ने मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल का निरीक्षण करते हुए इसे "राजस्थान की औद्योगिक क्रांति" करार दिया। सरकार ने इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं, विपक्ष इसे चुनावी स्टंट करार दे रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मेगा प्रोजेक्ट राज्य की राजनीति में क्या रंग दिखाता है।
जानें, रिफाइनरी प्रोजेक्ट की ताजा स्थिति!
राजस्थान के सबसे बड़े मेगा प्रोजेक्ट रिफाइनरी की तस्वीर अब लगभग साफ हो चुकी है। 11 में से 10 इकाइयों का काम 90 से 98 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। हालांकि, सल्फर रिकवरी यूनिट का काम अभी 50 प्रतिशत तक ही पहुंचा है। एचपीसीएल और राजस्थान सरकार की संयुक्त परियोजना एचआरआरएल (एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड) के तहत बन रही यह अत्याधुनिक रिफाइनरी प्रदेश को औद्योगिक रूप से नई ऊंचाई पर ले जाने को तैयार है।
अब तक कौन-कौन से काम हुए?
- क्रूड/वैक्यूम डिस्टीलेशन यूनिट और डिलेड कॉकर यूनिट: 94% कार्य पूर्ण।
- हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट और डीजल हाइड्रोजन यूनिट: 98% से अधिक कार्य पूरा।
- वीजीओ-एचडीटी यूनिट: 94% कार्य पूर्ण।
- सल्फर रिकवरी यूनिट: केवल 50% कार्य पूरा।
रिफाइनरीः फैक्ट फाइल
- कुल लागत: ₹72,000 करोड़।
- वार्षिक क्षमता: 9 मिलियन टन।
- कार्यरत मजदूर: 35,000।
- पूर्णता की स्थिति: 10 इकाइयों का कार्य 90-98% तक पूरा, 1 इकाई अभी 50%।
सीएम की बड़ी पहल
मुख्यमंत्री ने राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम के दौरान प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि मार्च 2025 तक हर हाल में रिफाइनरी का कार्य पूरा हो। उनका कहना है कि यह प्रोजेक्ट न केवल राजस्थान की आर्थिक प्रगति का प्रतीक होगा, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी देगा।
क्यों है यह प्रोजेक्ट खास?
यह रिफाइनरी प्रदेश की औद्योगिक क्रांति का प्रतीक बनेगी। बीएस-6 मानक के साथ बनने वाली यह रिफाइनरी आधुनिकता और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का शानदार उदाहरण है।
सभी इकाइयों के पूरी तरह से चालू होने के बाद यह लाखों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी।
यह भी पढ़ें: राजस्थान में भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची रुकी, जानें क्या है असली वजह और किसे मिलेगा फायदा!
यह भी पढ़ें: SawaiMadhopur: डॉ. किरोड़ी के विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की करारी हार ! तीसरे नंबर पर खिसकी