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गहलोत-पायलट से दूरी! दिल्ली चुनाव में राजस्थान के 35 नेताओं को मिली अहम जिम्मेदारी, जानें कैसे!

Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के 35 नेताओं को अहम भूमिका निभाने का अवसर दिया है। पार्टी ने आगामी पांच फरवरी को होने वाले चुनावों के लिए इन नेताओं को विधानसभा क्षेत्रों में कोऑर्डिनेटर...
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Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के 35 नेताओं को अहम भूमिका निभाने का अवसर दिया है। पार्टी ने आगामी पांच फरवरी को होने वाले चुनावों के लिए इन नेताओं को विधानसभा क्षेत्रों में कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है, जिनमें चार सांसद, नौ विधायक, 11 पूर्व विधायक और छह प्रदेश पदाधिकारी शामिल हैं। इन नेताओं का प्रमुख कार्य चुनावी प्रबंधन को संभालना और जनसंपर्क अभियान को प्रभावी रूप से चलाना होगा।

दिलचस्प यह है कि पार्टी ने इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से दूरी बनाए रखने का फैसला लिया है, जिससे पार्टी के भीतर एक नया समीकरण बनता हुआ दिखाई दे रहा है।(Delhi Assembly Election) इन नेताओं को विशेष निर्देश दिया गया है कि वे चुनावी अभियान से जुड़ी रोजाना रिपोर्ट पार्टी के उच्च अधिकारियों को भेजें। इस कदम से यह भी संकेत मिलता है कि कांग्रेस, दिल्ली चुनाव में एक नई रणनीति के तहत काम कर रही है, और पार्टी नेतृत्व अपने युवा और अनुभवी नेताओं के माध्यम से चुनावी मैदान में उतरने का इरादा रखता है।

गहलोत-पायलट से दूरी

राजस्थान के 35 नेताओं को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है, लेकिन इस बार कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से दूरी बनाए रखी है। पार्टी ने इन नेताओं को चुनावी प्रबंधन की जिम्मेदारी तो दी, लेकिन गहलोत और पायलट को अहम जिम्मेदारियों से बाहर रखा गया है। इससे पार्टी के अंदर एक नई राजनीतिक गहमागहमी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

राजस्थान के नेताओं को दिल्ली विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिला है। पार्टी ने 35 नेताओं को विधानसभा क्षेत्रों में कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंप दी है। इन नेताओं में सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और प्रदेश पदाधिकारी शामिल हैं।

सांसदों को दी गई जिम्मेदारी

चूरू से सांसद राहुल कस्वां को नजफगढ़, गंगानगर से सांसद कुलदीप इंदौरा को बिजवासन, सांसद संजना जाटव और विधायक अशोक चांदना को कस्तूरबा नगर सीट का कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। इसके अलावा, भजनलाल जाटव और पूर्व मंत्री जाहिदा खान को सीमापुरी सीट की जिम्मेदारी दी गई है।

विधायकों को सौंपे गए कोऑर्डिनेटर पद

विधायक रफीक खान को मुस्तफाबाद, अशोक चांदना को कस्तूरबा नगर, अमीन कागजी को सीलमपुर, और जाकिर हुसैन गैसावत को बल्लीमारान की सीट पर कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, मनीष यादव को मटियाला, इंद्रा मीणा को शकुर बस्ती, मुकेश भाकर और ललित यादव को नांगलोई जाट, रामनिवास गावड़िया को बुराड़ी, रीटा चौधरी को दिल्ली कैंट, और शिखा मील बराला को ग्रेटर कैलाश सीट पर कोऑर्डिनेटर बनाया गया है।

लोकसभा...विधानसभा प्रत्याशियों को जिम्मेदारी

लोकसभा और विधानसभा प्रत्याशियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जोधपुर से लोकसभा प्रत्याशी रहे करण सिंह उचियारड़ा को मुस्तफाबाद, अर्चना शर्मा को विश्वास नगर, संगीता बेनीवाल को आदर्श नगर और राजेंद्र मूंड को मुंदका सीट पर जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, पुष्पेंद्र भारद्वाज को बदरपुर सीट पर चुनावी प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

पूर्व विधायकों... कांग्रेस पदाधिकारियों की भूमिका

पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को बल्लीमारान, ममता भूपेश को आंबेडकर नगर, रामलाल जाट और नसीम अख्तर इंसाफ को मटियामहल, और अशोक बैरवा को देवली सीट पर प्रचार का जिम्मा दिया गया है। इसके अलावा, पूर्व विधायक चेतन डूडी को छतरपुर, इंद्राज गुर्जर को घोंडा, प्रशांत बैरवा को मोती नगर और राजकुमार शर्मा को मटियाला सीट की जिम्मेदारी दी गई है।

कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश महासचिव देशराज मीणा, प्रदेश सचिव हिम्मत सिंह गुर्जर, और अन्य पदाधिकारियों को भी चुनावी कार्य में शामिल किया है। इन पदाधिकारियों को करावल नगर, आरके पुरम, राजौरी गार्डन, तिमारपुर, महरोली और द्वारका सीटों की जिम्मेदारी दी गई है।

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