मूंग और मूंगफली पर MSP का विवाद, डोटासरा ने भाजपा को घेरा... ‘किसान परेशान, सरकार नाकाम’
Govind singh dotasara: राजस्थान में फसलों पर MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर उठे विवाद ने राजनीतिक पारा और भी गर्म कर दिया है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है और केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है। (Govind singh dotasarapcc)उनकी आलोचना का केंद्र उन फसलों की MSP पर खरीदारी की विफलता रही, जिसके कारण किसानों को लगभग 9 हजार करोड़ का नुकसान हुआ। डोटासरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने किसानों को केवल धोखा दिया है, और इसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने संघर्ष का संकल्प लिया है।
नीतियों पर सवाल उठाते हुए डोटासरा ने कहा
goउन्होंने राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा किसानों के मुद्दों को अनदेखा कर अपनी राजनीति खेल रही है। प्रदेश में मूंग, मूंगफली और सोयाबीन जैसी महत्वपूर्ण फसलों की MSP पर खरीदारी का लक्ष्य भी अधूरा रह गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की अव्यवस्थाओं के कारण किसानों को अपनी फसल उचित मूल्य पर नहीं मिल पा रही है, और उन्हें मजबूरन बाजारों में औने-पौने दाम पर अपनी उपज बेचना पड़ रही है। इससे प्रदेश में किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है।
कांग्रेस की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता..
डोटासरा ने यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार ने किसानों के हितों की हमेशा रक्षा की है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने 21 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था, और किसानों को राहत देने के लिए कई अहम कदम उठाए थे। वहीं, भाजपा सरकार ने मित्र पूंजीपतियों का 26 लाख करोड़ का कर्ज माफ किया, लेकिन किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। कांग्रेस पार्टी अब इस मुद्दे को विधानसभा चुनाव में प्रमुखता से उठाने का विचार कर रही है, और किसानों के पक्ष में आवाज उठाएगी।
"मोदी की गारंटी" सिर्फ जुमला साबित हुआ
इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के खिलाफ एक तीखा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले “मोदी की गारंटी” का वादा किया था, लेकिन यह सिर्फ एक जुमला साबित हो रहा है। गहलोत ने भाजपा की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि किसानों को न तो उचित मूल्य मिला, न उनकी समस्याओं का समाधान हुआ, और न ही उनकी फसल की MSP पर खरीदी हुई।
किसान संगठनों की बढ़ती नाराजगी...
यह विवाद अब किसानों के बीच बढ़ती नाराजगी का कारण बन चुका है। किसान संगठनों का मानना है कि सरकार ने उनके मुद्दों पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दिया है, और उनकी उपेक्षा की है। यदि सरकार ने जल्दी ही इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आने वाले दिनों में किसान संगठनों की ओर से बड़ा आंदोलन शुरू हो सकता है। चुनावी माहौल में यह मुद्दा और भी गरमाने की संभावना है, और इसे लेकर विपक्षी दलों ने अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है।
MSP पर किसानों के साथ सरकार का विरोध
राजस्थान में इस मुद्दे ने राजनीति का नया मोड़ ले लिया है। जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार को किसानों के खिलाफ कड़ी नीतियों के लिए जिम्मेदार ठहराया है, वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस की राजनीतिक चाल करार दिया है। इस मुद्दे के राजनीतिक दांव-पेंच ने राज्य में किसानों की स्थिति को एक बार फिर से चर्चा का केंद्र बना दिया है।
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