Jaipur Raid: बालमुकुंद आचार्य का बड़ा खुलासा, जयपुर में फर्जी आईडी कार्ड स्कैंडल का पर्दाफाश!
Fake Identity Centers: राजस्थान की राजधानी जयपुर में फर्जी पहचान पत्र बनाने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। विधायक बालमुकंद आचार्य (Mla Balmukund Acharya) ने विभिन्न सेंटरों (Fake Identity Centers) पर छापेमारी करते हुए कई स्थानों पर फर्जी पहचान पत्र बनाए जाने की जानकारी दी। उन्होंने गुरुवार को ब्रह्मपुरी और गलता गेट इलाके में जाकर वहां चल रहे कुछ सेंटरों का निरीक्षण किया। इस दौरान, कई सेंटर संचालक त्वरित रूप से अपनी दुकानों को बंद कर भाग खड़े हुए, जिससे यह साफ होता है कि मामला गंभीर है।
बांग्लादेशियों के नाम पर बन रहे दस्तावेज
विधायक बालमुकंद आचार्य ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि बाहरी नागरिकों, विशेषकर बांग्लादेशियों, के लिए फर्जी पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। उनकी छापेमारी में यह बात सामने आई कि कुछ स्थानों पर 50 रुपये की जगह 200 से 300 रुपये वसूल कर फर्जी पहचान पत्र जारी किए जा रहे थे। आचार्य ने पुलिस को मौके पर बुलाकर फर्जी पहचान पत्र बनाने वाले युवकों को गिरफ्तार कराया। उनका कहना था कि यह सिर्फ एक बिंदु है; ऐसे मामले और भी हो सकते हैं।
जांच के बाद होगा मुकदमा
इस मामले में आगे की कार्रवाई को लेकर एडिशनल डीसीपी नॉर्थ रानू शर्मा ने कहा कि उन्होंने फर्जी पहचान पत्र बनाने वाले सेंटर संचालकों के बारे में नोडल एजेंसी के अधिकारियों को अवगत करवा दिया है। जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कौन से पहचान पत्र असली हैं और कौन से फर्जी। फिलहाल, पुलिस भी मामले में पूछताछ कर रही है और आवश्यक जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है; पहचान पत्र की गहन जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बाहरी लोगों का नाम मतदाता सूची में जोड़ने का आरोप
विधायक ने आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए बाहरी लोगों के नाम मतदाता सूची में भी जोड़ा जा रहा है। उनका कहना था कि अगर इस समस्या पर जल्दी से सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। बालमुकंद आचार्य ने चेतावनी दी है कि यह न केवल राज्य के कानून और व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय है। उनका मानना है कि फर्जी पहचान पत्रों का निर्माण एक संगठित अपराध का हिस्सा हो सकता है, जिसे रोकने के लिए सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
विधायक ने लोगों से भी अपील की है कि वे ऐसे फर्जी सेंटरों के खिलाफ आवाज उठाएं और सरकार से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की मांग करें। आचार्य का कहना है कि अगर जनता जागरूक नहीं हुई, तो ऐसे मामले बढ़ते जाएंगे, जिससे समाज में अराजकता का माहौल पैदा होगा। इस मामले में कार्रवाई न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि जनता की भी है कि वे ऐसी गतिविधियों की सूचना प्रशासन को दें।
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