गहलोत पर बिना नाम लिए तंज...लोकसभा स्पीकर बोले, भारत में लोकतंत्र की जड़ें सदियों पुरानी, आजादी के बाद ही नहीं आया!
Jaipur News: भारतीय लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी और प्राचीन हैं, इस पर अक्सर बहस होती रहती है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसी विषय पर एक अहम बयान देते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र की परंपरा कोई नई नहीं है, बल्कि यह हमारी विरासत और कार्यप्रणाली का अभिन्न हिस्सा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजा-महाराजाओं के समय में भी लोकतांत्रिक व्यवस्था मौजूद थी, जिससे यह साबित होता है कि लोकतंत्र केवल आजादी के बाद उपजा विचार नहीं है, बल्कि यह सदियों से भारतीय समाज का हिस्सा रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राजस्थान को लोकतंत्र की जननी करार देते हुए कहा कि पंचायत राज संस्थाओं का उदय भी इसी भूमि से हुआ। (Jaipur News)उन्होंने जयपुर में विधानसभा के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के शुभारंभ समारोह में बोलते हुए यह भी कहा कि लोकतंत्र हमारे शासन तंत्र में गहराई से रचा-बसा है, और इसे केवल आजादी के बाद की देन मानना एक बड़ी ऐतिहासिक भूल होगी। उनके इस बयान को राजनीति से जोड़कर भी देखा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से उन दलों को निशाने पर लिया, जो लोकतंत्र को अपने योगदान की देन मानते हैं।
पूर्व स्पीकर सीपी जोशी को धन्यवाद, गहलोत पर तंज
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधानसभा के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के निर्माण के लिए पूर्व स्पीकर सीपी जोशी का आभार व्यक्त किया। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी बिना नाम लिए कटाक्ष किया। गहलोत ने दो दिन पहले ही कहा था कि इस क्लब का उद्घाटन उनके कार्यकाल में पहले ही हो चुका था, और लोकसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए।
इस पर ओम बिरला ने जवाब देते हुए कहा,
"सरकारें आती-जाती रहती हैं, निर्माण कार्य चलते रहते हैं। लोकतंत्र में कोई स्थायी सरकार नहीं होती। कोई यह कहे कि मेरे द्वारा बनाया गया है, यह न्यायपूर्ण नहीं है। भवन बनाना उतना अहम नहीं है, इसे कैसे संचालित किया जाता है, यह अधिक महत्वपूर्ण है।"
लोकसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में सुचारू कार्यवाही को लेकर भी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा में मतभेदों के बावजूद चर्चा और संवाद की परंपरा बनी रहनी चाहिए।
"हमें यह सोचना चाहिए कि हमारी भाषा और व्यवहार कैसा होना चाहिए। जनता ने हमें चुनकर भेजा है, इसलिए हमारा आचरण लोकतांत्रिक होना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब एक ऐसा मंच बनेगा, जहां विधानसभा में जब कभी गतिरोध उत्पन्न होगा, तो अनौपचारिक चर्चा के माध्यम से इसका समाधान निकाला जा सकेगा।
सीएम भजनलाल शर्मा की तारीफ
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नीतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीएम शर्मा का आधुनिक राजस्थान बनाने का प्रयास काफी महत्वपूर्ण है। "राजस्थान के दो बजट में यह स्पष्ट हुआ है कि वे प्रदेश के आधारभूत ढांचे के विकास के साथ-साथ वंचित वर्गों के उत्थान पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। इसी राजस्थान से अंत्योदय योजना की शुरुआत हुई थी, जिसे पूरे देश ने अपनाया।"
उन्होंने उम्मीद जताई कि राजस्थान सरकार ऐसी योजनाएं लाएगी, जो पूरे देश के लिए मिसाल बनें और गरीबों के जीवन को सरल बनाए। सीएम भजनलाल शर्मा ने हल्के-फुल्के अंदाज में पूर्व विधायकों को लेकर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में भोजन की भी व्यवस्था होगी, ताकि पूर्व और वर्तमान विधायक यहां आकर नीतियों पर चर्चा कर सकें और समाज के प्रमुख व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित कर सकें।
कांग्रेस के बहिष्कार पर तंज
कांग्रेस विधायकों द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार पर भी सीएम भजनलाल शर्मा ने तंज कसा।
"हमारे मित्र पहले तो तैयार थे कि समारोह में आएंगे, कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन बाद में पता नहीं कौन सा प्रेशर आ गया। लेकिन जब ऐसे मौके आते हैं, तो हमें यह दिखाना चाहिए कि हम राजस्थान के विकास के लिए एकजुट हैं।" उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसी सोच के साथ राजनीति करेंगे, तो मूल विकास की धारा को ही भूल जाएंगे।
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