Rajasthan: उपचुनाव में कांग्रेस को झटका! 54 उम्मीदवारों की जमानत जब्त , 4 प्रत्याशी रहे पूरी तरह नाकाम
Rajasthan By-Election Result 2024: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2024 ने कांग्रेस पार्टी के लिए नई चुनौतियां पेश की हैं, क्योंकि एक साल के अंदर ही जनता का भरोसा पार्टी पर कमजोर होता दिखा है। (Rajasthan By-Election Result 2024)विधानसभा चुनाव 2023 के बाद कांग्रेस का प्रदर्शन और भी खराब हुआ है, जहां वे जीती हुई दौसा सीट के अलावा केवल झुंझुनूं और रामगढ़ में ही जमानत बचा पाई।
कांग्रेस के बाकी 4 प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। इसके अलावा, 69 उपचुनाव में से 54 उम्मीदवारों को जमानत बचाने के लिए भी पर्याप्त वोट नहीं मिले। पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजों के आंकड़ों से भी कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए यह एक चेतावनी है, क्योंकि खींवसर और चौरासी में कांग्रेस और रामगढ़ में भाजपा की जमानत जब्त हो गई थी। इस पूरे परिदृश्य से यह साफ होता है कि दोनों प्रमुख दलों को अपनी रणनीति और जमीनी स्तर पर समर्थन को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता है।
जमानत जब्ती का आंकड़ा भी बढ़ा
रामगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी आर्यन जुबेर खान भले ही चुनाव हार गए, लेकिन वोटों के मामले में उन्होंने कांग्रेस के अन्य प्रत्याशियों को पीछे छोड़ दिया। आर्यन को 95,175 वोट मिले, जो दौसा से चुनाव जीते दीनदयाल बैरवा को मिले 75,536 वोटों से भी अधिक हैं। इस आंकड़े के साथ वे अन्य कांग्रेस प्रत्याशियों से कहीं आगे रहे। वहीं, कांग्रेस के अधिकांश प्रत्याशी 50,000 वोटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। उदाहरण के तौर पर झुंझुनूं में कांग्रेस प्रत्याशी को केवल 47,577 वोट मिले।
उपचुनाव में 54 प्रत्याशियों की जमानत जब्त
उपचुनाव के दौरान 69 उम्मीदवारों में से 54 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इनमे से सबसे अधिक 10-10 प्रत्याशियों की जमानत दौसा और खींवसर से जब्त हुई, जबकि झुंझुनूं, रामगढ़ और चौरासी में 8-8 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई। देवली-उनियारा में 6 और सलूम्बर में 4 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई।
जमानत जब्त का अर्थ
जमानत जब्त होने का मतलब है कि उम्मीदवार को कुल वोटों के छठवें हिस्से से कम वोट मिले, जिसके परिणामस्वरूप उनकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है। आम तौर पर, उम्मीदवार को नामांकन के समय जमानत राशि जमा करनी होती है। सामान्य अभ्यर्थियों के लिए यह राशि 10,000 रुपये और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 5,000 रुपये होती है।
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