Rajasthan: राजस्थान में जीका वायरस से पहली मौत! जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीज ने दम तोड़ा
Death Due to Zika Virus in Rajasthan: राजस्थान में जीका वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है, और अब इसने राज्य में पहली बार अपनी घातक उपस्थिति दर्ज कराई है। (Death Due to Zika Virus in Rajasthan)जयपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती एक मरीज की मौत ने स्वास्थ्य विभाग और जनता दोनों को चौंका दिया है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के साथ ही जीका वायरस के प्रति जागरूकता की आवश्यकता और भी ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि अब यह साबित हो चुका है कि जीका वायरस के कारण गंभीर स्वास्थ्य संकट हो सकता है।
राजस्थान में जीका वायरस के कारण पहली बार किसी मरीज की मौत होने का मामला सामने आया है। जयपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती मरीज की तीन दिन तक इलाज के बावजूद मौत हो गई। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मरीज की मौत जीका वायरस के कारण नहीं, बल्कि ब्लड इंफेक्शन हेमोफैगोसाइटिक लिम्फो हिस्टियोसाइटोसिस (एचएलएच) के कारण हुई है, फिर भी जीका वायरस के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह घटना राज्य के स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चेतावनी है, जिससे जल्द से जल्द त्वरित उपाय करने की आवश्यकता है
राजस्थान में जीका वायरस से पहली मौत
जयपुर में 66 वर्षीय राजेंद्र को 20 नवंबर को बुखार के बाद एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में जांच के दौरान राजेंद्र को जीका वायरस पॉजिटिव पाया गया। इसके अतिरिक्त, उसे हाइपरटेंशन, हेपेटाइटिस और हेमोफैगोसाइटिक लिम्फो हिस्टियोसाइटोसिस (एचएलएच) जैसी गंभीर बीमारियाँ भी पाई गईं। तीन दिनों तक इलाज के बाद राजेंद्र की मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मरीज की मौत जीका वायरस की वजह से नहीं, बल्कि एचएलएच के कारण हुई है, लेकिन जीका वायरस का डिटेक्ट होना एक गंभीर संकेत है।
क्या है एचएलएच और जीका वायरस का संबंध?
एचएलएच (हेमोफैगोसाइटिक लिम्फो हिस्टियोसाइटोसिस) एक गंभीर ब्लड इंफेक्शन है, जिसमें रक्त कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं और इम्यून सिस्टम की कोशिकाएँ खत्म हो जाती हैं। इस बीमारी का असर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर होता है, जिससे शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली बाधित हो सकती है। हालांकि जीका वायरस का डिटेक्ट होना इस केस में एक "इंसीडेंटल" स्थिति है, लेकिन यह एक चेतावनी के रूप में सामने आया है।
जीका वायरस और गर्भवती महिलाओं पर प्रभाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जीका वायरस से होने वाली मौत की संभावना बेहद कम होती है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं के लिए यह वायरस विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। जीका वायरस से प्रभावित गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क का सही तरीके से विकास न होने का खतरा होता है, जो भविष्य में गंभीर शारीरिक और मानसिक समस्याएँ पैदा कर सकता है।
जीका वायरस: क्या है और कैसे फैलता है?
जीका वायरस एडीज मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारी है। यह वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं का उपयोग करके अपनी कॉपी बनाता है, जिससे शरीर में फैलता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस वायरस के लक्षण अक्सर हल्के होते हैं और संक्रमित व्यक्ति को इसके बारे में पता नहीं चलता। हालांकि, इसके बावजूद यह वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर खतरा बन सकता है, क्योंकि यह भ्रूण के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है।
जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस के संक्रमित व्यक्तियों में अधिकांश समय कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, केवल 5 में से 1 व्यक्ति को ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं। जीका वायरस के सामान्य लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, और जोड़ो में दर्द शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है क्योंकि यह अन्य सामान्य बीमारियों के लक्षणों से मिलते-जुलते होते हैं।
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