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क्या वाकई फोन टैप हो रहे हैं? किरोड़ीलाल मीणा ने लगाया नया आरोप, सियासी हलचल तेज!

 कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने विधानसभा में सरकार के जवाब को लेकर बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनकी फोन की जासूसी की जा रही है और उनका फोन अभी भी टैप हो रहा है।
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Kirodi Lal Meena : कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने विधानसभा में सरकार के जवाब को लेकर बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनकी फोन की जासूसी की जा रही है और उनका फोन अभी भी टैप हो रहा है। यह बयान तब आया जब गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने सदन में कहा था कि किरोड़ी का फोन टैप नहीं हो रहा।(Kirodi Lal Meena) मंत्री मीणा ने आरोप लगाया कि राज्य की खुफिया एजेंसी, सीआईडी, लगातार उनके पीछे लगी हुई है और उन्होंने मुख्यमंत्री से सांप की "मैय्या" को पकड़ने की भी मांग की, जो उनके आरोपों के मुताबिक अभी भी मुक्त है। इस घटनाक्रम ने सरकार और विपक्ष के बीच सियासी खींचतान को और तेज कर दिया है।

सियासी तकरार में....उबाल

किरोड़ीलाल मीणा के फोन टैपिंग के आरोपों ने एक बार फिर से राजस्थान की राजनीति में उबाल ला दिया है। मीणा ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके फोन की जासूसी की जा रही है, और इसके पीछे राज्य सरकार के अधिकारियों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि वे कई बार इस मुद्दे को उठाकर मुख्यमंत्री और मंत्रियों से इस बारे में सुधार की मांग कर चुके हैं। उनके बयान के बाद राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया है, जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद और बढ़ सकता है।

विपक्ष के लिए एक नया राजनीतिक हथियार

किरोड़ीलाल मीणा का यह आरोप कांग्रेस के लिए एक नया राजनीतिक हथियार साबित हो सकता है। विधानसभा में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम के बयान के बाद कि "किरोड़ी का फोन टैप नहीं हुआ है", विपक्ष ने यह मुद्दा फिर से उछालते हुए सरकार पर निशाना साधने की योजना बनाई है। कांग्रेस नेता इस मामले को सियासी रंग देने का प्रयास कर सकते हैं, जिससे सरकार पर और अधिक दबाव बन सके।

जल जीवन मिशन घोटाला 

किरोड़ी ने जल जीवन मिशन के तहत हुए कथित घोटाले पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनके अनुसार, 20,000 करोड़ रुपये के परियोजना में भ्रष्टाचार हुआ, जहां कई बड़े ठेके बिना टेंडर के दिए गए। उन्होंने कहा कि सरकार के अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह घोटाला हुआ, और इसमें महेश जोशी जैसे मंत्री शामिल थे। यह आरोप सरकार के लिए एक और सियासी चुनौती हो सकता है, खासकर अगर विपक्ष इसे जनहित से जोड़कर उठाए।

बीसलपुर मामले में भ्रष्टाचार का आरोप

किरोड़ी ने बीसलपुर से बजरी निकालने के ठेके में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया। उनके अनुसार, ठेकेदारों द्वारा लाखों रुपये की बजरी रोज़ निकालकर सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है, जबकि गरीब लोग उस बजरी के लिए पुलिस द्वारा परेशान किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकारी खजाने की लूट है, और ठेकेदारों को 20 साल के लिए दिए गए ठेके ने सरकार की नाकामी को उजागर किया है। यह आरोप राज्य सरकार को एक नया संकट दे सकता है, क्योंकि यदि यह मुद्दा राजनीतिक रूप से उठता है, तो सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा सकता है।

आगामी विधानसभा सत्र में...उथल-पुथल की संभावना

किरोड़ीलाल मीणा के इन आरोपों के बाद आगामी विधानसभा सत्र में और उथल-पुथल की संभावना है। कांग्रेस इस मुद्दे को और भी तूल देने का प्रयास कर सकती है, जबकि बीजेपी के नेताओं को इस आरोप का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा। इस सियासी विवाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विपक्षी नेता सचिन पायलट की भूमिकाओं पर भी सवाल उठ सकते हैं, और इस मसले को सुलझाने में सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

जनता का आक्रोश...सरकार की जिम्मेदारी

किरोड़ीलाल मीणा के आरोपों से यह साफ़ हो गया है कि राज्य की जनता में गुस्सा और असंतोष बढ़ रहा है। यदि इन आरोपों की सही जांच नहीं हुई, तो यह सरकार के लिए एक बड़ा राजनीतिक नुकसान बन सकता है। सत्ता में बैठे नेताओं को अब इस विवाद से बाहर निकलने के लिए जल्दी और प्रभावी कदम उठाने होंगे, नहीं तो इस मुद्दे का राजनीतिक प्रभाव और भी बढ़ सकता है।

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