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Loksabha Election Dausa Seat : दौसा सीट पर फिर खिलेगा कमल या मुरारीलाल होंगे सफल ?

Loksabha Election Dausa Seat: दौसा। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में अब एक दिन बाकी है। इससे पहले एग्जिट पोल के अनुमान आए हैं जिनमें माना जा रहा है कि इस बार राजस्थान में भाजपा का क्लीन स्वीप मुश्किल है।...
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Loksabha Election Dausa Seat: दौसा। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में अब एक दिन बाकी है। इससे पहले एग्जिट पोल के अनुमान आए हैं जिनमें माना जा रहा है कि इस बार राजस्थान में भाजपा का क्लीन स्वीप मुश्किल है। यहां कांग्रेस 2 से 4 सीट जीत सकती है। इनमें दौसा संसदीय सीट का भी जिक्र हो रहा है जो भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीना का गढ़ है।

मुरारी और कन्हैया में कौन पड़ेगा भारी ?

दौसा संसदीय सीट पर भाजपा के कन्हैयालाल मीना और कांग्रेस के मुरारीलाल मीना के बीच कड़ा मुकाबला है। मुरारीलाल मीना स्थानीय हैं और पांच बार विधायक रह चुके हैं। कुछ महीनों पहले हुए विधानसभा चुनाव में मुरारीलाल दौसा से विधायक बने। अब कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा का चुनाव लड़े हैं। भाजपा ने पूर्व विधायक कन्हैयालाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। उन पर दौसा में 15 साल से चले आ रहे भाजपा की जीत के ट्रेंड को कायम रखने का दवाब भी है।

10 साल से भाजपा के खाते में दौसा सीट

दौसा सीट पर पिछले 10 सालों से भाजपा का कब्जा रहा है। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हरीश मीना सांसद बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जसकौर मीना सांसद बनीं। 2009 के सांसद के चुनाव में किरोड़ीलाल मीना ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्ज की। हालांकि इससे पहले 1991 से 2004 तक यह सीट कांग्रेस के खाते में जाती रही।

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फिर खिलेगा कमल या मुरारी होंगे सफल ?

दौसा में कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीना की मीना समाज में अच्छी पैठ मानी जाती है। मीना समाज यहां बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में मुरारीलाल मीना को जातीय समीकरणों का फायदा मिल सकता है। इसके अलावा वो स्थानीय उम्मीदवार होने का भी फायदा ले सकते हैं।

बीजेपी के कन्हैयालाल भी मीना समाज से आते हैं। माना जा रहा है कि उनकी पैठ बस्सी तक ही सीमित है। हालांकि कन्हैयालाल मोदी मैजिक और 10 साल से चले आ रहे बीजेपी के ट्रेंड की वजह से अपनी जीत को लेकर आशान्वित दिख रहे हैं।

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