Rajasthan: ऊर्जा मंत्री नागर का दो टूक बयान, 'भ्रष्टाचार में लिप्त कोई भी बच नहीं पाएगा'
600 Crore Electricity Tender Scam: कांग्रेस राज के दौरान बिजली के टेंडर में हुए 600 करोड़ के घोटाले (600 Crore Electricity Tender Scam) के आरोपों की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है। इस मामले में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान जयपुर डिस्कॉम में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच सुनिश्चित की जाएगी, और दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा
नागर ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार के समय 42 ग्रिड सब स्टेशनों के लिए निविदा संख्या टीएन-545 और टीएन-546 तथा आरडीएसएस योजना के टेंडर संख्या 534 और 535 के संदर्भ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के माध्यम से शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों पर डिस्कॉम की ओर से जांच प्रक्रियाधीन है, और अब इसे उच्च स्तर पर ले जाया जा रहा है।
बिजली टेंडर में हुए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच होगी
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि डिस्कॉम के स्तर पर की गई जांच के परीक्षण के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जा रही है, और उसे जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। नागर ने यह भी कहा कि यदि जांच में दोष सिद्ध होता है, तो टेंडरों को निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति
ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का भी जिक्र किया, जिसमें भ्रष्टाचार के अन्य मामलों की निष्पक्ष जांच जारी है। नागर ने कहा, "इस प्रकरण में भी निष्पक्ष जांच की जाएगी, और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोई भी दोषी, चाहे वह कितना बड़ा क्यों न हो, सरकार से नहीं बचेगा।"
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