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हाईकोर्ट का बड़ा सवाल! धारीवाल सहित 6 नेताओं को नोटिस, 75 विधायकों के इस्तीफे कैसे आए?

Notice to 6 leaders including Dhariwal in resignation case:  राजस्थान में पिछले साल कांग्रेस पार्टी के भीतर हुए सियासी संकट ने राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दिया था। ( Notice to 6 leaders including Dhariwal in resignation...
05:37 PM Nov 25, 2024 IST | Rajesh Singhal
Notice to 6 leaders including Dhariwal in resignation case:  राजस्थान में पिछले साल कांग्रेस पार्टी के भीतर हुए सियासी संकट ने राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दिया था। ( Notice to 6 leaders including Dhariwal in resignation case) 25 सितंबर 2022 को, जब कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री बदलने की कवायद शुरू की, तब अचानक 81 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, जिससे प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई। इस संकट के दौरान, राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के मामले को लेकर अब नई कानूनी कार्रवाई हुई है।

अब, राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री शांति धारीवाल सहित 6 नेताओं को नोटिस जारी कर दिया है, और पूछा है कि उनके पास 75 विधायकों के इस्तीफे कैसे पहुंचे। इस मामले ने एक बार फिर से राज्य के राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल मचा दी है। कांग्रेस के भीतर उस समय चल रही अंदरूनी कलह और इस्तीफों की जाँच अब न्यायिक दृष्टिकोण से अहम बन गई है, क्योंकि यह मामला पार्टी के भीतर के विवादों और नेताओं के राजनीतिक इरादों को उजागर कर सकता है।

राजेंद्र राठौड़ का आरोप

बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया कि राज्य के 40 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों से उनकी इच्छा के विरुद्ध इस्तीफे करवाए गए। राठौड़ ने यह सवाल उठाया कि जिन 6 विधायकों ने शेष 75 विधायकों के त्यागपत्र विधानसभा स्पीकर को सौंपे, उनसे यह क्यों नहीं पूछा गया कि उनके इस्तीफे स्वैच्छिक थे या नहीं? याचिका में राठौड़ ने यह भी कहा कि 75 विधायकों का कहना था कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफे नहीं दिए थे, तो इन 6 विधायकों से यह सवाल किया जाना चाहिए कि उनके पास अन्य विधायकों के इस्तीफे कहां से आए।

हाईकोर्ट में हुई बहस

राजेंद्र राठौड़ ने याचिका में यह भी कहा कि 25 सितंबर 2022 को 81 विधायकों ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के निवास पर जाकर अपने-अपने इस्तीफे स्वेच्छा से दिए थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इन इस्तीफों पर कोई कार्रवाई नहीं की। राठौड़ ने कोर्ट से निवेदन किया कि अध्यक्ष को निर्देशित किया जाए कि वह इस्तीफों पर निर्णय लें।

विधानसभा सचिव का बयान

इस मामले में 16 जनवरी 2023 को विधानसभा सचिव ने न्यायालय में जवाब प्रस्तुत किया था। सचिव ने कहा था कि 81 विधायकों के इस्तीफे स्वेच्छा से नहीं थे, और 30 दिसंबर 2022 से 2 जनवरी 2023 के बीच इन इस्तीफों को वापस ले लिया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सभी इस्तीफों को खारिज कर दिया।

सियासी संकट और इस्तीफे

सियासी संकट के दौरान 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस के 81 विधायकों ने तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी, महेंद्र चौधरी, रामलाल जाट, रफीक खान, और संयम लोढ़ा के नेतृत्व में इस्तीफे सौंपे थे। इनमें से पांच विधायकों के इस्तीफे की केवल फोटो कॉपी थी। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी थी, और मामला अब न्यायालय में चल रहा है।

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