Rajasthan Rajyasabha Election: राज्यसभा में किसको सेट करेगी BJP? राजेंद्र राठौड़ की रूकी गाड़ी फिर चलेगी या ज्योति पर होगी मेहरबानी!
Rajasthan Rajyasabha Election: देश के चुनाव आयोग ने 12 राज्यसभा सीटों पर चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है जहां राजस्थान की एक सीट पर भी नया राज्यसभा सदस्य चुना जाएगा. कांग्रेस से राजस्थान के राज्यसभा सदस्य केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सांसद बन जाने के बाद उनकी सीट खाली हो गई है लेकिन प्रदेश में विधायकों के गणित के हिसाब से इस बार ये सीट बीजेपी के पाले में जाएगी जहां बीजेपी राज्य में सत्तापक्ष में जिसके 100 से ऊपर विधायक हैं. राज्यसभा (Rajasthan Rajyasabha Election) में जाने के लिए अब बीजेपी और कांग्रेस दोनों खेमों में हलचल शुरू हो गई है हालांकि कांग्रेसी पाले में कम सुगबुगाहट है. वहीं बीजेपी खेमे में कई बड़े नाम सियासी गलियारों में तैरने लगे हैं जहां जयपुर से दिल्ली तक कई नामों को लेकर लॉबिंग भी चालू हो गई है.
बता दें कि चुनाव के लिए चुनाव आयोग की ओर से 14 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी कर किया जाएगा जिसके बाद 21 अगस्त तक नामांकन लिए जा सकते है. वहीं सारी चुनावी प्रक्रियाओं के बाद 3 सितंबर को विधायकों के वोट डाले जाएंगे. वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा की 10 सीटें हैं जिनमें 5 सीटों पर कांग्रेस और 4 पर बीजेपी के सांसद काबिज है. अब चुनाव चाहे राज्यसभा हो या सरपंची के राजनीतिक पार्टियां उसी तरह सारे दावपेंच चलती है जहां बीजेपी राज्यसभा उपचुनाव में जातिगत और पार्टी के भीतरी समीकरण साधने की तैयारी कर रही है. बीजेपी की ओर से कुछ ऐसे नेताओं के नाम चर्चा में है जो जातिगत, संगठन और संघ के लिहाज से फिट बैठते हों.
SC-ST या OBC वर्ग से के इन नेताओं की चर्चा
मालूम हो कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव 2024 में 11 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद 6 सीटों के उपचुनाव और राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले चुनाव में बीजेपी सधा हुआ कदम रखना चाहती है जहां प्रदेश में बीजेपी को इस बार SC, ST और OBC वर्ग की नाराजगी का सामना करना पड़ा था ऐसे में इन वर्गों से किसी नेता को राज्यसभा जाने का मौका दिया जा सकता है. एसटी चेहरे पर किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा तो ओबीसी पर अलका गुर्जर, विजय बैंसला प्रभुलाल सैनी जैसे नाम चर्चा में चल रहे हैं.
जाट या राजपूत चेहरे पर पर दांव!
इसके अलावा बीजेपी में जाट और राजपूत समाज से भी कई ऐसे नाम है जिनको राज्यसभा भेजा जा सकता है जहां जाट समुदाय से ज्योति मिर्धा का नाम चल रह है. ज्योति मिर्धा ने हाल में पीएम मोदी से मुलाकात की है जिसके बाद माना जा रहा है कि उन्हें खींवसर उपचुनाव में फिर उतारा जा सकता है. हालांकि मिर्धा के नाम की चर्चा राज्यसभा के लिए भी हो रही है. ज्योति मिर्धा लगातार 3 चुनाव हार चुकी है और वह पहले लोकसभा सांसद रह चुकी है.
वहीं राजपूत समाज से राजेंद्र राठौड़ के नाम की भी सियासी गलियारों में चर्चा है. मालूम हो कि पूनिया और राठौड़ दो ऐसे दिग्गज नेता थे जो विधानसभा चुनाव 2023 में हार गए थे जिसके बाद पूनिया को पार्टी ने हरियाणा का प्रभारी बनाकर भेजा है लेकिन राजेंद्र राठौड़ को लेकर अभी तक असमंजस बना हुआ है. राठौड़ अनुभवी नेता हैं और 7 बार के विधायक रहे हैं ऐसे में अनुभव और सियासी समझ के हिसाब से राठौड़ राज्यसभा के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं.
उच्च वर्ग से कम है संभावना
गौरतलब है कि बीजेपी की ओर से राजस्थान में ब्राह्मण सीएम हैं और घनश्याम तिवारी पहले से राज्यसभा में है ऐसे में एक और ब्राह्मण चेहरे को राज्यसभा में भेजे जाने की संभावना कम है हालांकि पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी के नाम को लेकर हल्की चर्चाएं हैं जहां वो भी बीते दिनों दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात करके लौटे हैं. अब देखना होगा कि बीजेपी किस जाति समीकरण के हिसाब से किस चेहरे पर दांव खेलती है. वहीं आंकड़ों में देखें तो राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए उम्मीदवार को 99 वोट चाहिए जहां वर्तमान में बीजेपी के पास 115 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 66 विधायक हैं.
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