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भजनलाल सरकार कन्फ्यूजन में डूबी! किरोड़ी लाल मंत्री पद पर असमंजस, पायलट बोले- कोई तो फैसला लो!

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों असमंजस और अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।
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Sachin Pilot: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों असमंजस और अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। सरकार के अंदर की खींचतान और फैसलों में अनिश्चितता अब खुलकर सामने आने लगी है। विपक्षी दलों के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी के भीतर भी असहमति की आवाजें तेज हो रही हैं। इसी कड़ी में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है।

अजमेर में मीडिया से बातचीत के दौरान सचिन पायलट ने सवाल उठाते हुए कहा कि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा मंत्री हैं या नहीं, इसका किसी को पता ही नहीं। सरकार ने न तो उन्हें कोई जिम्मेदारी दी है, न ही उन्हें पद से हटाया गया है। (Sachin Pilot) पायलट ने इसे सरकार की अंदरूनी असमंजस और नेतृत्व की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार में इतना खिंचाव है कि इससे पूरे प्रदेश में भ्रम और अस्थिरता का संदेश जा रहा है।

सचिन पायलट ने कहा कि अगर किसी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है, तो उससे काम लिया जाना चाहिए या फिर उसे स्पष्ट रूप से मुक्त कर देना चाहिए। लेकिन मौजूदा हालात को देखकर साफ है कि सरकार नए और पुराने नेताओं के बीच तालमेल नहीं बैठा पा रही। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार अपने ही अंदर की गुटबाजी से जूझ रही है और इसके कारण प्रशासनिक फैसलों में देरी और भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक कलह के चलते सरकार की यह स्थिति विपक्ष को भी हमलावर होने का मौका दे रही है।

इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी अशोभनीय 

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी को लेकर विधानसभा में की गई टिप्पणी पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ऐसी शख्सियत, जिन्होंने देश के लिए शहादत दी हो, उनके बारे में अनुचित टिप्पणी करना निंदनीय है। पायलट ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने शब्दों का सोच-समझकर उपयोग करना चाहिए और यदि किसी के प्रति सम्मान प्रकट नहीं कर सकते, तो ओछी भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए।

बीजेपी सरकार के भीतर खींचतान स्पष्ट

सचिन पायलट ने भाजपा सरकार के अंदर नेतृत्व संकट और खींचतान को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार का पहला साल बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। पायलट के अनुसार, भाजपा में आपसी गुटबाजी चरम पर है और दिल्ली, जयपुर और राजस्थान में सत्ता के अलग-अलग केंद्र बन गए हैं, जिससे प्रशासनिक निर्णयों में भ्रम और देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की यह अस्थिरता सीधे जनता को प्रभावित कर रही है।

कांग्रेस की एकजुटता पर जोर

कांग्रेस के आंतरिक मुद्दों पर पायलट ने कहा कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है और जनता के मुद्दों को मजबूती से उठा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक जनाधारित पार्टी है, जो सभी को साथ लेकर चलती है। पायलट ने विश्वास जताया कि कांग्रेस की यह संगठित रणनीति अगले चार वर्षों में पार्टी को लाभ पहुंचाएगी।

राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक

बिजयनगर रेप-ब्लैकमेल कांड पर बोलते हुए सचिन पायलट ने राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार गंभीर नहीं दिख रही है और महिला उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केवल आश्वासन दे रही है, लेकिन अपराध पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही। उन्होंने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस पर प्रभावशाली तरीके से सरकार का नियंत्रण होना चाहिए, लेकिन उसमें कमी दिखाई देती है।

सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट नहीं

पायलट ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा के भीतर और बाहर इस मुद्दे को लगातार उठाया है, लेकिन सरकार का ढीला रवैया ही ऐसे अपराधों को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और अपराधियों के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

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