डोडा में झुंझुनूं के 2 जवान शहीद, बिजेंद्र की पत्नी को जन्मदिन पर मिली शहादत की खबर, 18 जुलाई को घर आने वाले थे अजय
Jhunjhunu martyred jawan funeral झुंझुनूं: जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के डेसा में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों की फायरिंग में झुंझुनूं जिले के 2 जवान शहीद हो गए। दोनों राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। दोनों एक ही साथ सेना में भर्ती हुए थे, दोनों के शहादत की खबर भी एक ही साथ आई है।
सुबह लगभग 10 बजे प्रदेश के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एयरपोर्ट पहुंचकर दोनों शहीदों को श्रद्धांजलि दी। शाम तक दोनों शहीदों का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचेगा। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में लोग उमड़े हैं।
एक साथ भर्ती, एक ही दिन शहादत
डोडा शहर से करीब 55 किलोमीटर दूर हुए आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बुहाना तहसील के भैसावता कलां के सिपाही अजय सिंह नरूका (उम्र- 26 वर्ष) और डूमोली कलां की ढाणी खुबा निवासी बिजेंद्र सिंह दौराता (उम्र- 26 वर्ष) शहीद हो गए। बिजेंद्र सिंह और अजय सिंह नरूका करीब 8 साल पहले एक साथ आर्मी में भर्ती हुए थे। दोनों की ट्रेनिंग भी एक साथ हुई थी। अब एक दिन दोनों की शहादत की खबर से क्षेत्र गमगीन है।
18 जुलाई को घर आने वाले थे अजय
बता दें कि शहीद अजय के पिता कमल सिंह नरूका भी सेना में हवलदार के पद पर सेवा दे चुके हैं। कमल सिंह 2015 में सेवानिवृत्त हुए थे। वहीं, 21 नवंबर 2021 को अजय सिंह की शादी शालू कंवर (24) से हुई थी। अजय की माता सुलोचना देवी गृहिणी हैं और अजय का छोटा भाई करणवीर सिंह बठिंडा AIIMS में डॉक्टर है। अजय की पत्नी शालू ने इसी साल मास्टर (M. Sc.) की डिग्री कम्प्लीट की है। अजय सिंह 18 जुलाई को छुट्टी लेकर गांव आने वाले थे। 2 महीने पहले भी अजय छुट्टी पर गांव आए थे।
जवानों की शहादत पर शोक की लहर
अजय सिंह की शहीद होने की खबर पर शोक की लहर है। इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लिए गर्व की बात है कि उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। अजय सिंह की कंपनी में उनके साथ रहे नायब सूबेदार पुरुषोत्तम सिंह ने बताया, "दुश्मनों ने छुपकर वार किया। इसलिए हमारा नुकसान हो गया। अगर आमने-सामने की लड़ाई लड़ते तो निश्चित ही हम दुश्मनों को पराजित कर देते।"
...तब बच जाती बिजेंद्र सिंह की जान!
वहीं, शहीद बिजेंद्र के पिता रामजीलाल किसान हैं, जबकि भाई दशरथ सिंह सेना में कार्यरत हैं। बिजेंद्र के 2 बच्चे (विहान उम्र- 4 वर्ष और किहान उम्र- 1 वर्ष) हैं। सोमवार, 15 जुलाई को बिजेंद्र की पत्नी का जन्मदिन था। उसी दिन परिवार को बेटे के शहादत की खबर मिली। परिवार वालों का कहना है कि बिजेंद्र सिंह फरवरी में एक महीने की छुट्टी पर घर आए थे। बिजेंद्र 5 दिन पहले ही घर आने वाले थे, लेकिन आतंकी घटनाओं के चलते उनकी छुट्टी रद्द हो गई थी। बिजेंद्र की शहादत की खबर से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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