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Bharatpur: भरतपुर पूर्व राजपरिवार का विवाद...पिता विश्वेंद्र सिंह की देखभाल करें अनिरुद्ध, गाली ना दें..कलेक्टर ने किया पाबंद

Bharatpur Royal Family Dispute: भरतपुर। भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के बीच विवाद में विश्वेंद्र सिंह को राहत मिली है।(Bharatpur Royal Family Dispute) पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने इस मामले में उपखंड अधिकारी को शिकायत की...
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Bharatpur Royal Family Dispute: भरतपुर। भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के बीच विवाद में विश्वेंद्र सिंह को राहत मिली है।(Bharatpur Royal Family Dispute) पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने इस मामले में उपखंड अधिकारी को शिकायत की थी। जिस पर शुक्रवार को कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई हुई। कलेक्टर ने विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध को पिता की देखभाल करने के साथ उनके साथ सम्मान से पेश आने के लिए पाबंद किया है।

राजपरिवार विवाद में कलेक्टर न्यायालय का फैसला

भरतपुर के पूर्व राज परिवार के सदस्य और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की ओर से कुछ समय पहले SDM को एक प्रार्थना पत्र सौंपा गया था। जिसमें पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध के खिलाफ शिकायत की गई और भरण पोषण का खर्च दिलाने की मांग की गई। शुक्रवार को न्यायालय जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट में इस मामले की सुनवाई की। जिसमें पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध को पिता की देखभाल के आदेश दिए गए हैं। जबकि संपत्ति विवाद पर SDM कोर्ट का फैसला यथावत रखा।

'विश्वेंद्र सिंह के भरण-पोषण, आवास की करें व्यवस्था'

पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के अधिवक्ता महावीर प्रसाद का कहना है कि जिला कलेक्टर न्यायालय ने 20 जून 2024 को SDM की ओर से दिए गए ऑर्डर में आंशिक संशोधन किया है। कलेक्टर न्यायालय ने अनिरुद्ध सिंह को पाबंद किया है कि वह अपने पिता विश्वेन्द्र सिंह की बीमारी में औषधि और स्वास्थ्य जांच करवाने के साथ उनकी देखभाल करेंगे। इसके साथ ही भरण- पोषण और निवास की व्यवस्था भी करें।

'पिता के साथ गाली गलौच ना करें अनिरुद्ध'

कलेक्टर ने अनिरुद्ध को पिता के साथ गाली-गलौच नहीं करने के लिए भी पाबंद किया है। भरतपुर राजपरिवार विवाद मामले की सुनवाई करते हुए कलेक्टर न्यायालय ने राय दी कि परिवार के लोग अब सद्भावनापूर्वक मृदु व्यवहार रखते हुए जीवन निर्वहन करेंगे। आदेश में न्यायालय ने दान पत्र को निरस्त करने और पारिवारिक संपत्तियों के विवाद निस्तारण के लिए सक्षम न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने के आदेश को यथावत रखा है।

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