Kota: 'मुस्लिम वक्फ बोर्ड वेलफेयर के बजाय माफिया का अड्डा बना' RSS के डॉ. इंद्रेश कुमार का बयान
Dr. Indresh Kumar On Waqf Board: कोटा। मुस्लिम वक्फ बोर्ड में संशोधन को लेकर लगातार बयानबाजी देखने को मिल रही है। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार ने भी वक्फ बोर्ड को लेकर बयान दिया है। डॉ. इंद्रेश कुमार का कहना है कि मुस्लिम वक्फ बोर्ड (Dr. Indresh Kumar On Waqf Board) वेलफेयर की बजाय माफिया का अड्डा बन गया है। उन्होंने कोटा में एक कार्यक्रम में शामिल होते हुए यह बयान दिया, जिसके बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती दिख रही है।
'वेलफेयर के बजाय माफिया का अड्डा बना वक्फ बोर्ड'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार सोमवार को कोटा दौरे पर रहे। उन्होंने कोटा में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रदेश कार्यकर्ता सम्मेलन में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए मुस्लिम वक्फ बोर्ड को लेकर भी बयान दिया। डॉ. इंद्रेश कुमार ने वक्फ संशोधन बिल 2024 पर कहा कि आजादी के बाद वक्फ को लेकर कांग्रेस राज में तीन बार संशोधन हुए। पहला संशोधन नेहरू, दूसरा नरसिम्हा राव और तीसरा मनमोहन सिंह के समय हुआ। इन संशोधन के कारण वक्फ बोर्ड आज वेलफेयर के बजाय माफिया का अड्डा बन गया है।
'वक्फ बोर्ड खत्म नहीं कर रही मोदी सरकार'
डॉ. इंद्रेश कुमार ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रदेश कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि- वक्फ बोर्ड को खत्म किया जा रहा है, ऐसी अफवाह फैलाई जा रही है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। केंद्र की मोदी सरकार केवल उन प्रावधानों को दुरस्त करने जा रही है, जिससे कुछ खास लोग देश की लाखों बीघा जमीन पर कब्जा जमा रहे हैं। जबकि वक्फ की जमीन का उपयोग दीन दुखियों, बेसहारा और यतीमों की भलाई के लिए होना चाहिए। मगर अब वक्फ के कारण मुस्लिमों का शोषण हो रहा है। माफिया और शोषण से आम मुसलमान की हिफाजत के लिए ही वक्फ (संशोधन) बिल 2024 लाया गया। मोदी सरकार संशोधन बिल लाई, तो इसका विरोध हो रहा है।
'मुस्लिमों का शोषण रोकने, पारदर्शिता के लिए है संशोधन बिल'
डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल सिर्फ पारदर्शिता के लिए है। जिससे वक्फ की संपत्ति और आय सबके सामने आ सके। बोर्ड के एकतरफा फैसलों से मुसलमानों का शोषण और माफिया का संपत्ति हड़पना बंद हो। सभी धर्मों के धार्मिक संपत्ति केस कानून से निपटते हैं, वक्फ के लिए अलग से व्यवस्था क्यों? माफिया समझते हैं कि उनका फैसला ही सबसे बड़ा है। इसलिए सब लोग चाहते हैं कि उनके फैसले के आगे कोर्ट के फैसले के लिए रास्ता खोलना चाहिए। वक्फ ने कोई वेलफेयर का काम नहीं किया। बोर्ड में बैठे कुछ लोग खुद के एक्सपोज होने के डर से लोगों को भड़का रहे हैं।
'जम्मू-कश्मीर की जनता नहीं चाहती खानदानी राज'
डॉ. इंद्रेश कुमार ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में किस दल की सरकार बनेगी, यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। जरूरी यह है कि सरकार वहां खुला लोकतंत्र स्थापित करने में कामयाब रहे। जम्मू-कश्मीर की आम जनता चुने हुए लोगों का राज चाहती है, न कि खानदानों का राज। जम्मू-कश्मीर भारत का अंग है, इसे स्वीकार करें।
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