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Madan Dilawar on Rahul Gandhi: राहुल गांधी को लेकर ये क्या बोल गए मदन दिलावर, बयान पर शुरू हुआ बवाल

Madan Dilawar on Rahul Gandhi झुंझुनूं: राजस्थान के झुंझुनू दौरे पर पहुंचे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मदन दिलावर ने...
04:32 PM Jul 07, 2024 IST | Amit Jha

Madan Dilawar on Rahul Gandhi झुंझुनूं: राजस्थान के झुंझुनू दौरे पर पहुंचे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मदन दिलावर ने एक विवादास्पद और राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, "चाणक्य ने सही कहा था कि विदेशी महिला के पेट से पैदा होने वाला व्यक्ति या ​बेटा कोई भी देश का भला नहीं कर सकता। बल्कि देश के खिलाफ ही कार्रवाई करेगा। चाणक्य की बात सही साबित हो रही है।"

'किसके इशारे पर चल रही कांग्रेस?'

मंत्री मदन दिलावर ने कहा,  "राहुल गांधी एक विदेशी महिला के पुत्र हैं। इसके लिए वो लगातार देश के खिलाफ और देशवासियों के खिलाफ बोल रहे हैं। उन्होंने पूरे देश के लोगों को हिंसक और झूठा कहा है। यह पूरे हिंदुस्तान और हिंदुओं का अपमान है। पता नहीं कांग्रेस किसके इशारे पर चल रही है। कौन इन्हें प्रेरणा दे रहा है।"

'हिंदुस्तान की जनता राहुल गांधी को नहीं करेगी माफ'

शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी राहुल गांधी बोल चुके हैं कि हिंदू मंदिर में लड़कियां छेड़ने जाते हैं। यह भी हमारी हमारी बहनों और भाइयों का अपमान है। उन्होंने कहा कि हिंदू हिंसक हैं। झूठे हैं। बताकर राहुल गांधी ने हिंदू समाज का, साधु-संतों का, आने वाली हमारी जनरेशन का और हमारा घोर अपमान किया है। हिंदुस्तान की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।

विधानसभा सत्र के बाद होंगे शिक्षकों के तबादले

इस मौके पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने संकेत दिए कि शिक्षकों के तबादले विधानसभा सत्र के बाद होंगे। दरअसल एक सवाल का जवाब देते हुए मदन दिलावर ने कहा कि तबादले जब भी करेंगे। मीडिया को इसकी जानकारी देंगे। लेकिन, फिलहाल तो वैसे भी विधानसभा सत्र चल रहा है। ऐसे में तबादले नहीं हो सकते। जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा सत्र के बाद सरकार शिक्षकों के तबादले कर सकती है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर दिलावर ने कहा कि यह मामला मंत्रिमंडल के समक्ष विचाराधीन है। जैसा भी निर्णय होगा। उसकी पालना करवाई जाएगी।

'सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए पिछली सरकार का षडयंत्र'

स्कूलों को मर्ज करने के सवाल पर उन्होंने कहा, पिछली सरकार ने 200-200 मीटर पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए स्कूलें खोल दी। इसलिए यदि किन्हीं स्कूलों को मर्ज या डी मर्ज करने की जरूरत होगी तो वो भी सरकार करेगी। इसके लिए भी कार्रवाई चल रही है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने के सवाल पर मदन दिलावर ने गत सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि एक भी व्यक्ति का नाम बता दो जो ​बोले कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलें खोली है। ना स्कूल खोला, ना कमरा बनाया, ना स्टाफ लगाया। पुरानी स्कूलों पर अंग्रेजी माध्यम का बोर्ड लगाने से इंग्लिश मीडियम स्कूलें नहीं हो जाती। यह  सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाने का पिछली सरकार का षड्यंत्र था। लेकिन, वे इसमें विफल हो गए।

डेपुटेशन लगे शिक्षकों को निकालने का काम जारी

मदन दिलावर ने कहा कि 1 जनवरी से पहले के जो भी शिक्षक और शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी डेपुटेशन पर लगे हुए हैं। उन्हें हम ढूंढ-ढूंढ कर निकाल रहे हैं। उनके डेपुटेशन निरस्त कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में बाल गोपाल योजना के तहत सरकार दूध की जगह मिलेट्स दे सकती है। उन्होंने ने कहा कि पाउडर का दूध बच्चे नहीं पीते हैं। इसलिए एक्सपर्ट के राय ली जा रही है। जिसका एक विकल्प मिलेट्स हो सकते हैं।

सरकारी स्कूलों में 82 लाख और निजी स्कूलों में 85 लाख बच्चे

निजी स्कूलों की वकालत करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में फिलहाल 82 लाख और निजी स्कूलों में 85 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। इसलिए निजी स्कूलों को हमेशा नकारात्मक भाव से नहीं देखना चाहिए। वे भी शिक्षा को आगे बढ़ाने में हमारा सहयोग कर रहे हैं। 97.3 फीसदी स्कूल तो आज भी फीस 5 से 15 हजार रुपए के बीच ले रहे हैं। जिनसे उनका काम चल रहा है। लेकिन, 2.7 फीसदी स्कूल ऐसे है, जहां पर फीस ज्यादा है। उनके अपने तर्क हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि कोई बीच का रास्ता निकाला जाए ताकि विद्यार्थियों एवं अभिभावकों पर बोझ न पड़े और स्कूल भी चलती रहे।

बच्चों में बढ़ रहे सुसाइड मामले पर मंत्री का बड़ा बयान

बच्चों में बढ़ रहे सुसाइड केस के मामले में मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि इनके के लिए संस्थान नहीं, बल्कि संगत और अभिभावक भी जिम्मेदार हैं। वे बच्चे की क्षमता को आंके बिना उनसे अपेक्षाएं कर लेते हैं। डॉक्टर इंजीनियर ही जीवन का एक जरिया नहीं है। बीए करके भी कलेक्टर बना जा सकता है। इसे हमें समझना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में जिन शिक्षकों ने गड़बड़ी की है या फिर जिन्होंने कांग्रेस के पक्ष में खुलकर काम किया है। उन्हें राजस्थान से बाहर तो नहीं निकाला जा सकता। हम जांच करवा रहे हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

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