Jaipur Constable Suicide: 5 दिन से न्याय की उम्मीद में सड़क पर बैठा बाबूलाल का परिवार, अभी तक नहीं हुआ पोस्टमार्टम
Jaipur Constable Suicide: आत्महत्या करने वाले हेड कांस्टेबल बाबू लाल बैरवा के शव का पोस्टमार्टम अभी तक नहीं किया गया है। मृतक के परिजनों और पुलिस व प्रशासन के बीच गतिरोध जारी रहा। परिजनों और दलित संगठनों के प्रतिनिधियों ने एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर अपना धरना जारी रखा और कहा कि पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित एफआईआर में नामजद तीन पुलिस अधिकारियों और पत्रकार को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।
पांचवें दिन भी नहीं हुआ पोस्टमार्टम
दलित संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रशासन ने परिजनों को सरकारी नौकरी और आर्थिक मुआवजे की उनकी मांगों पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है, लेकिन उनकी प्राथमिक मांग यह है कि कांस्टेबल को परेशान करने के आरोपी तीनों पुलिस अधिकारियों और पत्रकार को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। ताजा रिपोर्ट के अनुसार गतिरोध के चलते एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखे हेड कांस्टेबल के शव का पांच दिन बाद भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है।
परिजनों की मांग
अस्पताल की मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन कर रहे दलित संगठन के प्रतिनिधि अनिल गोठवाल ने बताया कि परिजनों की जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जी जोसेफ से दूसरे दौर की वार्ता हुई। हालांकि कमिश्नर ने परिजनों को बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही कोई गिरफ्तारी की जाएगी। यह जवाब परिजनों या दलित संगठनों के प्रतिनिधियों को स्वीकार्य नहीं हुआ।
मृतक कांस्टेबल के बेटे ने शुक्रवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगदीश व्यास, सहायक पुलिस आयुक्त अनिल कुमार शर्मा, एसआई आशुतोष सिंह और पत्रकार कमल देगड़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। बैरवा ने गुरुवार को भांकरोटा थाने की मुकुंदपुरा चौकी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने छह पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने तीन पुलिस अधिकारियों और पत्रकार पर यह कदम उठाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
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