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Kota : कोटा से कोचिंग स्टूडेंट्स का मोहभंग ! इस साल  1.20 लाख ही स्टूडेंट, नतीजा- कोचिंग में स्टाफ-सैलरी कम, कई हॉस्टल- मैस बंद

Coaching City Kota News : कोटा। देश में मेडिकल- इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए कोचिंग सिटी कोटा सबसे फेवरेट जगह है। मगर शायद अब कोचिंग स्टूडेंट्स का कोटा से मोहभंग हो रहा है ? इस साल अब तक कोटा की कोचिंग...
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Coaching City Kota News : कोटा। देश में मेडिकल- इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए कोचिंग सिटी कोटा सबसे फेवरेट जगह है। मगर शायद अब कोचिंग स्टूडेंट्स का कोटा से मोहभंग हो रहा है ? इस साल अब तक कोटा की कोचिंग सेंटर्स में 1.20 लाख स्टूडेंट्स ने ही दाखिला लिया है, यह आंकड़ा पिछले साल से आधा है। स्टूडेंट्स की कम होती संख्या का सीधा असर कोटा की अर्थव्यवस्था पर भी दिख रहा है।

हॉस्टल में कमरे खाली, किराए में कटौती

देश में कोचिंग सिटी के नाम से मशहूर कोटा में अब बाहरी राज्यों के स्टूडेंट्स की संख्या कम हो रही है। इसका सीधा असर कोटा की हॉस्टल इंडस्ट्री पर पड़ा है। हॉस्टल के लीज होल्डर देवेश त्रिपाठी का कहना है- हॉस्टल के कमरे खाली पड़े हैं, खर्चा तक नहीं निकल रहा। नए कोचिंग हब कोरल पार्क में भी हालात खराब हैं। कई हॉस्टल ने किराए में भारी कटौती की है। जो रूम 18 से 20 हजार में मिलते थे, वो 4 से 5 हजार में मिल रहे हैं। कई हॉस्टल वाले अपना हॉस्टल चलाने के लिए रूम के साथ स्टूडेंट्स को खाना भी ऑफर कर रहे हैं।

कोचिंग ने कम किया स्टाफ, सैलरी भी कम

कोचिंग स्टूडेंट्स की कम होती संख्या का असर कोचिंग संस्थानों पर भी पड़ा है। एक कोचिंग संस्थान ने तो स्टाफ के करीब 250 लोगों की छुट्टी कर दी है। इसमें बैक स्टाफ से लेकर हाउसकीपिंग और मेंटेनेंस का स्टाफ तक शामिल है। फैकल्टी में भी कटौती की गई है, एक अन्य कोचिंग संस्थान ने सैलरी में 10 से 30% तक कटौती कर दी है।(Coaching City Kota News)

कोचिंग एरिया में कई मैस-दुकान भी बंद

कोचिंग सिटी के बाजार अभी तक छात्रों से गुलजार रहते थे। मगर अब उम्मीद के मुताबिक स्टूडेंट्स नहीं आने से बाजारों में सन्नाटा है, कई लोगों ने तो दुकान ही बंद कर दीं। मैस चलाने वाले हेमराज ने कहा उनके आसपास की कई मैस बंद हो गईं। उनकी मैस में 250 स्टूडेंट्स थे। इस साल 60 से 70 स्टूडेंट्स ही खाना खाने आ रहे हैं। इसी तरह मैस संचालक बलबीर बताते हैं कि उनके आउटलेट्स पर 2800 स्टूडेंट्स खाना खाते थे,  अब यह संख्या आधी रह गई। रेस्टोरेंट, जूस सेंटर, टी स्टाल,  मोची, टेलर, ड्राइक्लीनर, फुटकर सब्जी-फल विक्रेता, डेयरी, हेयर सैलून, टैक्सी सहित कई सेक्टर्स में व्यापार कम हुआ है।

अपने राज्य में ब्रांच तो क्यों आएंगे राजस्थान?

कोचिंग सिटी में स्टूडेंट्स की संख्या कम क्यों हो रही है ? स्टूडेंट्स का यहां से मोहभंग क्यों हो रहा है ? इसके पीछे खास वजह है। बताया जा रहा है कोचिंग संस्थानों ने अब तक यहीं पर ब्रांच खोल रखी थीं। मगर अब कोचिंग संस्थानों ने कई राज्यों में ब्रांच खोल दी हैं, ऐसे में उत्तरप्रदेश-बिहार जैसे राज्यों से आने वाले स्टूडेंट्स अब राजस्थान नहीं आ रहे, वहीं पर पढ़ाई कर रहे हैं।

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