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Kotputli News: जैविक खेती ने बदली दो दोस्तों की किस्मत, कॉरपोरेट नौकरी छोड़कर खेती में आजमाया हाथ

Kotputli News: युवा अब नौकरी नहीं बल्कि इनोवेशन से अपनी किस्मत बदल रहे हैं। एमबीए कर चुके नीतीश यादव एक निजी कॉरपोरेट कम्पनी में काम कर रहे थे, लेकिन उन्होंने अपने लिए एक अलग रास्ता (Kotputli News) चुना। ये रास्ता...
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Kotputli News: युवा अब नौकरी नहीं बल्कि इनोवेशन से अपनी किस्मत बदल रहे हैं। एमबीए कर चुके नीतीश यादव एक निजी कॉरपोरेट कम्पनी में काम कर रहे थे, लेकिन उन्होंने अपने लिए एक अलग रास्ता (Kotputli News) चुना। ये रास्ता कॉर्पोरेट कंपनियों से होता हुआ खेतों में जा पहुंचा। बायोटेक केमिस्ट्री कर चुके उनके दोस्त लेखराम यादव ने भी उनका बखूबी साथ दिया। दोनों दोस्तो ने 2019 में अपनी कॉरपोरेट नौकरीयां छोड़ कर कोटपुतली में अपनी पुश्तैनी जमीन पर जैविक खेती में हाथ आजमाया और देखते ही देखते इनका टर्नओवर 4 करोड़ के पार पहुँच गया।

किसानों के लिए बन रहे मिलास

कोटपुतली के नीतीश यादव खेती में नवाचार कर खेतों की सूरत बदल रहे हैं। वे केमिकल मुक्त खेती की मुहिम में जुटे हुए हैं। अपने दोस्त लेखराम यादव के साथ मिल कर जैविक खेती के लिए दूसरे किसानों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इन्हें देख कर कई किसानों ने जैविक दवाइयां घर पर ही तैयार की और अपने खेतों में उपयोग कर रहे हैं। कोटपुतली के गांव गोरधनपुरा निवासी नीतिश यादव व लेखराम यादव ने नौकरी छोड़ कर 2019 में खेती व प्रकृति के प्रति प्रेम को देखते हुए पंच महाभूत आधारित तकनीक से जैविक खेती करना शुरू किया।

मॉडल फार्म बनाने का रखा लक्ष्य

कोरोना जैसी विषम परिस्थिति में भी दोनों दोस्तों ने 100 एकड़ फार्म पर नींबू, मौसमी, आयुर्वेद व इमारती लकड़ियों के पेड़ लगाए। इसके बाद उन्होंने कोटपूतली फार्म को मॉडल फार्म बनाने के लक्ष्य से साहीवाल नस्ल देशी गाय का वैदिक विधि से घी, पनीर, वर्मीकंपोस्ट, गाय के गोबर से हवन कंडे, 56 भोग वाटिका, एग्रोटुरिज्म स्टे प्रोग्राम, लो आरपीएम से आटा, तेल, मसाला यूनिट भी तैयार किया। साथ ही प्लांट बेस्ड पाउडर को प्रोसेस कर के सेल भी करते हैं। इसी के साथ किसानों को जैविक खेती की ट्रेनिंग देते हुए फलदार पौधों की नर्सरी भी करते हैं।

इतना ही नहीं कृषि महाविद्यालय से जुड़े विद्यार्थी भी रोजाना फार्म हाऊस में जाकर नवाचार देखते हैं। देखते ही देखते इनका सालाना टर्नओवर 4 करोड़ से ऊपर पहुंच गया है। उनके फार्म पर जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने भी विजिट किया और उनके इनोवेटिव काम की तारीफ की। नीतीश ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने दादा स्व. चिरंजीलाल को दिया।

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