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राजस्थान में 25 साल पीछे चली गई BJP, क्या मुख्यमंत्री भजनलाल की कुर्सी पर मंडरा रहे संकट के बादल?

Rajasthan CM Bhajanlal Sharma: जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 साल का सूखा समाप्त कर दिया है। जहां महज 6 महीने पहले सूबे की सत्ता में आई बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। वहीं पहली बार विधायक बनकर...
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Rajasthan CM Bhajanlal Sharma: जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 साल का सूखा समाप्त कर दिया है। जहां महज 6 महीने पहले सूबे की सत्ता में आई बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। वहीं पहली बार विधायक बनकर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले भजनलाल शर्मा अपनी पहली चुनौती के सामने पस्त साबित होते हुए दिखाई दिए। जहां सीएम के गृह जिले में बीजेपी प्रत्याशी जीत नहीं पाया है। वहीं कांग्रेस ने खुद और गठबंधन के साथ राज्य में 11 सीटों पर वापसी की है। जिससे बीजेपी के जीत का रथ 14 सीटों पर आकर रूक गया है। वहां 1999 के चुनावी आंकड़ों पर फिर बीजेपी लौट गई है।

पिछले 10 साल से क्लीन स्वीप किया

राजस्थान में पिछले 10 साल से क्लीन स्वीप करने वाली बीजेपी का भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में लोक सभा चुनाव लड़ते ही हैट्रिक का सपना टूट गया है। अब चुनावी नतीजों के बाद सूबे की सियासत में एक दबी चर्चा फिर गरम होने लगी कि क्या सीएम का चेहरा बदला जाएगा।

मालूम हो कि लोकसभा चुनावों के दौरान लगातार सियासी गलियारों में चर्चा होती रही है। बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद सीएम को कुर्सी छोड़नी होगी। सीएम भजनलाल शर्मा अपने पहले लिटमस टेस्ट में फेल हुए है। क्या आने वाले दिनों में उनकी कुर्सी को कोई खतरा है ?

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं है संकट!

भजनलाल शर्मा के कुर्सी संभालते ही उनके सामने लोकसभा चुनाव सरीखी (Rajasthan CM Bhajanlal Sharma) कठिन और बड़ी चुनौती आ गई। जहां वह दिसंबर 2023 में हुए चुनावों में पहली बार विधायक बने थे। उनके विधायक बनते ही भाजपा ने मुख्यमंत्री बना दिया था। इसके बाद सूबे में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी लहर और दूसरे फैक्टर के चलते लगातार सीएम दावा करते रहे कि बीजेपी 25 सीटें जीतने में कामयाब (Rajasthan CM Bhajanlal Sharma) होगी लेकिन नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे है।

बीजेपी आलाकमान करेगा समीक्षा

इससे पहले साल 2019 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर क्लीन स्वीप किया था। वहीं साल 2014 में बीजेपी ने प्रदेश की 25 सीटें जीती थी। हालांकि तब बीजेपी की राज्य में सरकार थी। अब माना जा रहा है। कि बतौर मुख्यमंत्री उनके प्रदर्शन और सरकारी काम काज की दिल्ली दरबार समीक्षा कर सकता है।

भजनलाल शर्मा की सीएम की कुर्सी पर अभी खतरा नहीं दिखाई देता है क्योंकि उनको सीएम बने महज 5 महीने ही हुए हैं। उनके सीएम बनने के 3 महिने बाद ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई थी। ऐसे में उनके पक्ष में एक तर्क जाता है कि सरकार के स्तर पर सीएम को कोई बहुत बड़े काम या फैसला लेने का मौका नहीं मिला था।

मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी

हालांकि माना जा रहा है पार्टी के भीतर उनके विरोधी सीएम के खिलाफ लामबंदी कर सकते हैं, इसके अलावा भविष्य में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री के नाते कुछ सख्त और बड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं क्योंकि उनके जैसे बीजेपी ने एमपी और छत्तीसगढ़ में सीएम नियुक्त किए थे, उन राज्यों में बीजेपी की परफॉर्मेंस शानदार रही है।

वहीं मुख्यमंत्री बदलने की कमजोर अटकलों के बीच आलाकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल या संगठन में बदलाव जरूर कर सकता है। अभी जानकारी के मुताबिक फिलहाल मंत्रिमंडल में 6 पद खाली हैं। जहां चुनावी नतीजों को देखते हुए कुछ और जातियों के नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं जुलाई में आने वाले राजस्थान सरकार के बजट से पहले सूबे की अफसरशाही में भी बदलाव हो सकते हैं।

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