• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

तक्षशिला में लाखों ग्रंथ जला दिए गए...साहित्य ब्राह्मणों के कंठ में था इसलिए बच गया- मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास

Sirohi News: सिरोही। मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज आज सिरोही के रेवदर पहुंचे। राजेंद्र दास महाराज यहां श्री गोकरुणा चातुर्मास आराधना महोत्सव में शामिल हुए और श्री वेदलक्षणा, गोमहिमा, श्री भरत चरित्र कथा सुनाई। 6 महीने तक नहीं बुझी थी...
featured-img

Sirohi News: सिरोही। मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज आज सिरोही के रेवदर पहुंचे। राजेंद्र दास महाराज यहां श्री गोकरुणा चातुर्मास आराधना महोत्सव में शामिल हुए और श्री वेदलक्षणा, गोमहिमा, श्री भरत चरित्र कथा सुनाई।

6 महीने तक नहीं बुझी थी तक्षशिला की आग

मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि- सनातन धर्म में प्राचीन परंपरा थी कि हमारे पूर्वज ऋषि - महर्षि गुरुकुलों में शास्त्रों को कंठस्थ और हृदयस्त कराते थे। यह परंपरा बहुत अच्छी थी। आप सब जानते हैं कि तक्षशिला में लाखों प्राचीन ग्रंथ थे। विधर्मियों ने उन ग्रंथों को जला दिया। कहा जाता है कि 6 महीने तक तो आग नहीं बुझी थी।(Sirohi News)

'हमारा साहित्य ब्राह्मणों के ह्रदय, बुद्धि, कंठ में था, इसलिए बच गया'

मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि जब तक्षशिला को नष्ट किया गया। तब भागवत जैसे ग्रंथ की एक भी प्रति भारत में नहीं बची। खोज-खोज के हिंदू ग्रंथ और साहित्य को जला दिया गया था। फिर भी विधर्मी हिंदू साहित्य को नष्ट नहीं कर पाए। क्योंकि हमारा साहित्य केवल ग्रंथों में नहीं था। हमारा साहित्य तो ब्राह्मणों के हृदय, बुद्धि और कंठ में स्थित था। इसलिए वो बच गया।

'महाभारत जैसा विशाल ग्रंथ विद्वानों को कंठस्थ था'

मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि- उस वक्त देश में ऐसे विद्वान भी थे, जिन्होंने महाभारत जैसा विशाल ग्रंथ कंठस्थ कर रखा था। कथा में सुरजकुंड के अवधेश चैतन्य महाराज, महंत चेतनानंद महाराज डण्डाली, रविंद्रानंद महाराज, बलदेवदास महाराज, गोवत्स विट्ठल कृष्ण महाराज, गोविंद वल्लभदास महाराज, ब्रह्मचारी मुकुंद प्रकाश महाराज, 121 दंडी स्वामी सहित कई संत शामिल हुए।(Sirohi News)

आंजना चौधरी समाज ने किया साधु-संतों का सम्मान

श्री गोकरुणा चातुर्मास आराधना महोत्सव में चौधरी आंजना समाज की ओर से देशभर से आए संतों का पूजा अर्चना कर स्वागत किया गया। इसके बाद चौधरी आंजना समाज ने गौपूजन किया। इस अवसर पर रामरतनदास महाराज टेटोडा, दानाराम चौधरी सांचोर, दुर्गाराम चौधरी पांचला, नागजीराम चौधरी पथमेड़ा, मूलाराम चौधरी धानोल, देवजी भाई टेटोडा, लालाभाई भीलडी, अर्जुन भाई चौधरी भाड़ली व चेलाभाई चौधरी भाड़ली सहित समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें : रफीक खान, तुमने शेर के मुंह में हाथ डाला है, भारी कीमत चुकानी होगी ! पूर्व सांसद कैलाश चौधरी का बयान

यह भी पढ़ें : भारत आदिवासी पार्टी अकेले लड़ेगी विधानसभा उप चुनाव ? गठबंधन पर क्या बोले सांसद राजकुमार

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज़ tlbr_img4 वीडियो