स्वतंत्रता दिवस समारोह में नाराज होकर मंच से उतरे विधायक यूनुस खान, दर्शक दीर्घा में जनता के बीच जाकर बैठे, BJP नेता को मंच पर मिली जगह
Independence Day 2024: नागौर। प्रदेश में 78वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) धूमधाम से मनाया जा रहा है। जगह-जगह तिरंगा फहराया जा रहा है। इसी बीच कार्यक्रम में तवज्जो नहीं मिलने से नेताओं के नाराज होने की भी तस्वीर सामने आने लग गई है। दरअसल, डीडवाना जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय खेल स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जा रहा था। इस कार्यक्रम में कलेक्टर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर ध्वजारोहण किया और वहीं विधायक यूनुस खान (Mla Yunush Khan) ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की। तभी अचानक कुछ ऐसा हुआ कि विधायक यूनुस खान मंच छोड़कर नीचे दर्शको के साथ बैठ गए।
इस कारण से नाराज हुए विधायक खान
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय स्थित राजकीय खेल स्टेडियम मे आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में मंच पर विधायक का स्थान आरक्षित था। लेकिन जब विधायक खान मंच पर पहुंचे तो उनको कोई तवज्जो नहीं दी गई। हालांकि विधायक अपनी आरक्षित सीट पर बैठ गए। तभी वहां बीजेपी नेता और यूनुस खान के सामने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले जितेंद्र सिंह कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे तो प्रशासन ने बीजेपी नेता जोधा के साथ अन्य भाजपा नेताओं को भी मंच पर बैठा लिया। इस बात पर विधायक यूनुस खान नाराज हो गए और मंच से उतरकर लोगों के साथ दर्शक दीर्घा मे लगी कुर्सी पर बैठ गए।
डीएम-तहसीलदार ने मनाने का किया प्रयास
बता दें कि यूनुस खान के मंच से उतरकर जनता के बीच दर्शक दीर्घा में बैठने पर प्रशासन सकते में आ गया और इसके बाद डीडवाना तहसीलदार रामस्वरूप मीणा विधायक खान के पास पहुंचे और उनको मंच पर बैठने की अपील की। लेकिन विधायक खान नहीं माने। फिर कलेक्टर बाल मुकुंद असावा और उपखंड अधिकारी विकास मोहन भाटी भी विधायक को मनाने पहुंचे और मंच पर बैठने के लिए कहा। लेकिन विधायक ने कलेक्टर को भी मना कर दिया और कहा कि वे जनता के प्रतिनिधि है और जनता के बीच ही बैठेंगे।
विधायक ने प्रशासन पर लगाया आरोप
विधायक यूनुस खान ने प्रशासन पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब वे मंच पर पहुंचे तो प्रशासन ने उनकों कोई तवज्जो नहीं दी। लेकिन बीजेपी नेताओं की मंच पर आरक्षित सीट नहीं होने के बाद भी उनको तवज्जो दी गई। यह तो न्यायोजित नहीं है। यह जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि का अपमान है। उन्होंने कहा कि आजादी के इस पर्व को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए, लेकिन प्रशासन ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया।
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