राजस्थान के इन 2 शहरों की हवा में जहर! प्रशासन के फूले हाथ-पांव...निर्माण कार्यों पर लगाया प्रतिबंध
Rajasthan Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है, और इसे नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। (Rajasthan Air Pollution) इसी कड़ी में राजस्थान के दो प्रमुख शहरों, कोटपूतली और नीमराना, में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू किया गया है। यह कदम दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए उठाया गया है, ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके और आम जनता की सेहत को सुरक्षा मिले।
GRAP के चौथे चरण के तहत बहरोड़ और नीमराना में अब निर्माण कार्यों पर रोक रहेगी, और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को प्रतिबंधित किया जाएगा। यह कदम वायु गुणवत्ता को सुधारने और प्रदूषण के खतरों को कम करने के लिए उठाया गया है। GRAP का यह चरण प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए राज्य और प्रशासन द्वारा लागू किए गए सबसे कड़े नियमों में से एक है।
खैरथल-तिजारा में प्रदूषण के मद्देनजर स्कूलों को बंद रखने का आदेश
20 नवंबर से 23 नवंबर 2024 तक खैरथल-तिजारा जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1 से 5) को बंद रखने का आदेश दिया गया है। यह कदम बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा उठाया गया है।
GRAP स्टेज और प्रदूषण नियंत्रण के सख्त नियम
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर कई सख्त नियम लागू किए गए हैं। स्टेज IV 'गंभीर प्लस' (AQI 450) तक पहुंचने पर निर्माण कार्यों पर पूर्ण रूप से रोक और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
GRAP-4 के तहत क्या हैं नए नियम?
- पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई
- ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध
- सड़कों पर पानी का छिड़काव
- क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर पूर्ण रोक
- ठोस अपशिष्ट के नियमित संग्रहण पर रोक
विभागों की जिम्मेदारी और प्रदूषण नियंत्रण
एडीएम ओपी सहारण के अनुसार, प्रदूषण नियंत्रण के लिए रीको, यातायात, कृषि, नगर परिषद और प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को इन नियमों की सख्ती से पालना सुनिश्चित करने के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं।
AQI: प्रदूषण का मापदंड और बढ़ते खतरे
AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) एक माप है, जो हवा में प्रदूषकों की मात्रा को मापता है। इसमें CO, Ozone, NO2, PM 2.5 और PM 10 जैसे प्रदूषक शामिल हैं। जितना अधिक AQI, उतना ही खतरनाक प्रदूषण। फिलहाल, कई राजस्थान, दिल्ली, और उत्तर प्रदेश के शहरों में AQI 300 के पार जा चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
सांस संबंधी बीमारियां और एलर्जी में वृद्धि
लगातार प्रदूषण के संपर्क में रहने से सांस संबंधी बीमारियों, आंखों में जलन और एलर्जी के मामलों में वृद्धि हो रही है। इस बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्थिति पर कड़ी निगरानी रखनी शुरू कर दी है। प्रशासन की ओर से क्षेत्र में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं।
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें
आम जनता से अपील की गई है कि वे निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और अनावश्यक गतिविधियों से बचें। प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके और स्वास्थ्य को सुरक्षा मिले।
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