'मैं हंसते-हंसते पापा को विदा करूंगी...' झुंझुनू का लाल पंचतत्व में विलीन, बेटी को देख हर आंख भर आई
Vinod Shekhawat Martyr: झुंझुनू जिले के काजड़ा गांव में आज शहीद विनोद सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। मणिपुर में शहीद हुए शेखावत को उनके बेटे राज्यवर्धन सिंह शेखावत ने मुखाग्नि दी। (Vinod shekhawat martyr)इस दौरान पूरे गांव में गमगीन माहौल था। शहीद के तीन बच्चे, दो बेटियां और एक बेटा, जिनकी आंखों में आंसू थे, अपने पिता की अंतिम विदाई में भावुक हो गए। उनकी बेटी ने दिल को छूने वाला बयान देते हुए कहा, "मुझे अपने पापा पर बहुत गर्व है, मैं उन्हें हंसते-हंसते विदा करना चाहती हूं।" यह पल परिवार के लिए बेहद दर्दनाक और सम्मानजनक था, जिसमें शहीद की बहादुरी को सलाम किया गया।
#Jhunjhunu :- मुझे मेरे पापा चाहिए....
मणिपुर में शहीद हुए झुंझुनूं के जवान विनोद सिंह शेखावत की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव सूरजगढ़ के काजड़ा पहुंची जहां अपने पिता के शव को देखकर उनकी पत्नी और दोनों बेटियां फफक पड़ी. विनोद के दो बेटियां हैं. छोटी बेटी बार-बार कहती रही कि मुझे… pic.twitter.com/AwsiSlR9LX
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) November 26, 2024
सैन्य सम्मान के साथ शहीद अंतिम यात्रा
झुंझुनू जिले के काजड़ा गांव के रहने वाले शहीद हवलदार विनोद सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। रविवार को मणिपुर में शहीद होने वाले शेखावत की अंतिम यात्रा में सैंकड़ों लोग शामिल हुए। सूरजगढ़ में तिरंगा यात्रा के साथ उनके पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान जेसीबी से फूलों की बारिश की गई, और पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।
मणिपुर में शहीद हुए थे विनोद सिंह शेखावत
40 वर्षीय शहीद हवलदार विनोद सिंह शेखावत मणिपुर के म्यांमार बॉर्डर पर तैनात थे, जहां उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें इंफाल लाया गया, लेकिन उपचार के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। सेना ने उनकी मौत को बैटल कैजुअल्टी के रूप में स्वीकार किया है।
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