पेपर लीक में शामिल ट्रेनी एसआई को सस्पेंड नहीं, अब बर्खास्तगी तय है, जानें पूरी कहानी
Rajasthan Si Paper leak: राजस्थान की एसआई भर्ती 2021 में हुए पेपर लीक का मामला लगातार सुर्खियों में है। इस घोटाले ने न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि उम्मीदवारों के भविष्य पर भी गहरी चोट की है। मामले की जांच और कार्रवाई में देरी से जहां सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है, वहीं पुलिस मुख्यालय ने अब इस मामले में सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है।
पेपर लीक में फंसे ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। जेल की हवा खा चुके इन आरोपियों पर पहले सस्पेंशन की गाज गिरी और अब उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। (Rajasthan Si Paper leak)ट्रेनी एसआई डालूराम को पहले ही नौकरी से हाथ धोना पड़ा था, और अब बाकी आरोपियों पर भी वही कार्रवाई तय है। इस सख्ती से पुलिस मुख्यालय ने साफ संदेश दिया है कि पेपर लीक जैसे गंभीर अपराधों के लिए माफी की कोई जगह नहीं।
डीजीपी ने की अहम बैठक
राजस्थान पुलिस विभाग के प्रमुख डीजीपी यूआर साहू बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक ली । बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की गई,, जिसमें पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी और सभी रेंज आईजी भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में शामिल ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर चर्चा की गई। निलंबन से आगे बढ़ते हुए, अब उन ट्रेनी एसआई को नौकरी से बर्खास्त करने पर मंथन होगा जिन्होंने परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर डमी अभ्यर्थियों के माध्यम से सफलता पाई थी। इस मामले में गिरफ्तार 10 ट्रेनी एसआई के खिलाफ सबसे पहले कार्रवाई की गई।
डमी अभ्यर्थियों के जरिए परीक्षा पास करने वाले ट्रेनी एसआई निशाने पर
एसआई भर्ती घोटाले में जिन ट्रेनी एसआई ने डमी अभ्यर्थियों का सहारा लेकर परीक्षा पास की, उनके खिलाफ पुलिस मुख्यालय ने सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है। कुल 10 ऐसे ट्रेनी एसआई हैं, जो इस फर्जीवाड़े में शामिल पाए गए। सबसे पहले इन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। यह कार्रवाई न केवल भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ सख्त संदेश देने का भी एक प्रयास है।
पटवारी की नौकरी छोड़कर एसआई बना था डालूराम
पेपर लीक मामले में फंसे सबसे चर्चित आरोपी ट्रेनी एसआई डालूराम मीणा का नाम इस घोटाले में सबसे पहले सामने आया। एसओजी ने फरवरी 2024 में उसे गिरफ्तार किया था। पूछताछ में डालूराम ने खुलासा किया कि उसने एसआई भर्ती परीक्षा में खुद के स्थान पर डमी अभ्यर्थी को बैठाया था। दिलचस्प बात यह है कि डालूराम पहले पटवारी के पद पर था, लेकिन एसआई बनने के लालच में उसने इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। कोटा रेंज आईजी ने मार्च 2024 में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया। डालूराम का मामला सामने आने के बाद अन्य आरोपी ट्रेनी एसआई के खिलाफ भी जांच तेज हो गई।
पुलिस मुख्यालय की सख्ती जारी
पेपर लीक घोटाले से जुड़े ट्रेनी एसआई के खिलाफ पुलिस मुख्यालय अब सख्त रुख अपना रहा है। डालूराम के मामले से सीख लेते हुए, बाकी आरोपियों पर भी जल्द कार्रवाई होगी। यह कदम न केवल पुलिस विभाग की साख बहाल करने के लिए है, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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