सड़कें-विकास के मायाजाल में फंसी सवाई माधोपुर की तस्वीर, क्या आपने देखी है इसकी सचाई?
Poor road conditions: (हेमेंद्र शर्मा) सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय की बदहाल सड़कों (Poor road conditions)की कहानी किसी से छुपी हुई नहीं है। यहां की छतिग्रस्त सड़कों की स्थिति ऐसी है कि हर वक्त सड़क पर चलने वाले लोगों के सिर पर दुर्घटनाएं ( Accidents)मंडरा रही हैं। जर्जर पड़ी शहर की सड़के कब किसे अपना निवाला बना लें, यह कोई नहीं जानता। पेश है सवाई माधोपुर से एक खास रिपोर्ट।
सड़कों की स्थिति: बारिश ने किया बुरा हाल
सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय की सड़के पहले ही कोई खास अच्छी हालत में नहीं थी, कि इस सीजन में हुई बरसात ने और कोढ़ में खाज का काम कर दिया। जिला मुख्यालय की मुख्य सड़कों के अलावा कमोबेश सभी कॉलोनीयों की सड़के पूरी तरह से उधड़ चुकी हैं। सड़कों पर बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढे हो गए हैं। हालात इतने बदतर हैं कि वाहन चलाते वक्त जरा सा सड़क से ध्यान चूक गया तो आप गंभीर दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।
दुर्घटनाओं का बढ़ता सिलसिला
जिला मुख्यालय पर आए दिन खराब सड़कों के कारण दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। सर्वाधिक खस्ताहाल आवासान मंडल की सड़कों का है। लगभग 10,000 लोग आवासन मंडल क्षेत्र में निवास करते हैं। सैकड़ों की तादाद में वाहन यहां से रोज इन सड़कों से होकर गुजरते हैं। पूरी तरह से टूट चुकी सड़कों से गुजरते वाहन चालक आए दिन असंतुलित होकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। चौपहिया और दोपहिया वाहन ही नहीं, बल्कि पैदल चलने वाले लोग भी लगातार चोटिल हो रहे हैं। वाहनों के चलते सड़क से पहियों के नीचे आकर उछलने वाली गिट्टी रहागीरों को चोटिल कर रही है।
मरम्मत का प्रयास और परिणाम
बरसात खत्म हो जाने के उपरांत जिला प्रशासन ने जर्जर पड़ी सड़कों पर मरम्मत के नाम पर मोरम डालकर मखमल पर टाट का पैबंद लगाने की कोशिश जरूर की है। लेकिन यह लोगों के लिए और भी अधिक घातक साबित हो रही है। मोरम के नाम पर कई जगहों पर जानलेवा गिट्टी डाल दी गई है, जिससे लोग और अधिक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। नगर परिषद क्षेत्र में सड़कों की हालत बेहद दयनीय है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जनता की उम्मीदें
जिला प्रशासन का कहना है कि जल्द ही खराब सड़कों की सुध ली जा सकेगी। सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर सड़कों की हालत महज चंद दिनों से नहीं, बल्कि कई सालों से लगातार खराब है। लोग रोज इन सड़कों से गुजर कर अपनी अग्नि परीक्षा देने को मजबूर हैं। स्कूली बच्चे भी कई मर्तबा चोटिल होते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। आवासन मंडल के वाशिंदे खराब सड़कों के मामले में कई मर्तबा अपनी गुहार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचा चुके हैं। लेकिन हालात अभी भी ढाक के तीन पात हैं।
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