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World Heritage Day :  दुनिया की सबसे विशाल तोप, जिसकी गर्जना से बहरे हो गए लोग, हजारों महिलाओं के गिर गए गर्भ ?

World Heritage Day Bharatpur : भरतपुर। दुनिया की सबसे विशालतम लाखा तोप राजस्थान के लोहागढ़ भरतपुर के डीग किले में है। इतिहासकार बताते हैं जब यह तोप चली थी तब इसकी गर्जना से ही कई किलोमीटर में ऐसा कंपन हुआ...
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World Heritage Day Bharatpur : भरतपुर। दुनिया की सबसे विशालतम लाखा तोप राजस्थान के लोहागढ़ भरतपुर के डीग किले में है। इतिहासकार बताते हैं जब यह तोप चली थी तब इसकी गर्जना से ही कई किलोमीटर में ऐसा कंपन हुआ था, जिससे महिलाओं के गर्भ गिर गए थे, लोग बहरे हो गए थे। World Heritage Day पर राजस्थान फर्स्ट की खास पेशकश में जानिए दुनिया की विशालतम लाखा तोप की खासियत

डीग में है दुनिया की विशालतम लाखा तोप

राजस्थान का इतिहास वीर योद्धाओं के शौर्य, अजेय दुर्ग और उनकी गौरवशाली कथाओं से भरा पड़ा है। इतिहास में भरतपुर के लोहागढ़ किले का नाम आते ही डीग किले की लाखा तोप का जिक्र भी जरूर आता है। डीग किले के बुर्ज पर रखी लाखा तोप दुनिया की विशालतम तोपों में से एक है।

अब्दाली नहीं ले जा पाया, जाट सैनिक ले आए

इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा बताते हैं कि डीग जाट राज्य भरतपुर की पहली राजधानी थी। महाराजा सूरजमल ने 1730 में डीग किला बनवाया। इसी किले के बुर्ज पर लाखा तोप रखी है। मगर इसका निर्माण भरतपुर के राजाओं ने नहीं करवाया था, बल्कि यह तोप अब्दाली के काफिले से खींच कर लाई गई थी। अहमदशाह अब्दाली मथुरा क्षेत्र से युद्ध लड़कर लौट रहा था तो इस भारी तोप को अपने साथ नहीं ले जा पाया। इसके बाद जाट सैनिक इस तोप को डीग लेकर आए और इसका नाम लाखा तोप रखा गया।

जब लाखा तोप की गर्जना से गिर गए गर्भ

इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा के मुताबिक इस तोप में करीब 500 पाउंड का गोला भरा जाता था। इसकी मारक क्षमता सैकड़ों किलोमीटर थी। इस तोप को संभवतः 1961 में चलाया गया। तब इसकी भयंकर गर्जना से ही कई किलोमीटर क्षेत्र में महिलाओं और पशुओं के गर्भ गिर गए। लोग बहरे हो गए। कई बच्चों की तो तोप की गर्जना से मौत तक हो गई।(World Heritage Day Bharatpur)

लाखा तोप से तोड़ा था लाल किले का दरवाजा !

डीग किले में रखी लाखा तोप को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती हैं। कहा जाता है कि इस तोप से गोला दाग कर आगरा या दिल्ली के लाल किले का दरवाजा तोड़ा गया था। हालांकि इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा बताते हैं कि यह सिर्फ चर्चाएं हैं। इस तरह की घटना का जिक्र इतिहास की किसी पुस्तक में नहीं है।

लाखा क्यों रखा गया तोप का नाम ?

दुनिया की इस विशालतम तोप का नाम लाखा क्यों रखा गया?  इसको लेकर भी कई मत हैं। कहा जाता है कि इस तोप की विध्वंसक ताकत को देखते हुए इसका नाम लाखा रखा गया। यह भी कहा जाता है कि इसका वजन एक लाख किलो है। इसलिए इसे लाखा नाम दिया गया। तो कुछ लोग गेरुए रंग की वजह से भी तोप का नाम लाखा रखने की बात बताते हैं।

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