Tonk: महाकुम्भ भगदड़ में टोंक के गणपत की मौत...ग्रुप से बिछड़कर भीड़ में फंसे, इलाज के दौरान दम तोड़ा
Tonk News Rajasthan: महाकुम्भ में मौनी अमावस्या से पहले हुई भगदड़ में राजस्थान के एक और यात्री की मौत की खबर आई है। (Tonk News Rajasthan) टोंक के मंडावर गांव के गणपत 24 जनवरी को कुछ लोगों के साथ प्रयागराज गए थे। संगम घाट पर भगदड़ के दौरान वह साथियों से बिछड़ गए, भगदड़ में फंसने से गणपत घायल हो गए। जिनकी अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
महाकुम्भ में टोंक के गणपत की मौत
महाकुम्भ में स्नान के लिए टोंक के मण्डावर गांव से भी कुछ श्रद्धालु प्रयागराज गए थे। इनमें गणपत केंवट भी शामिल थे, जो 28 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में पहुंच गए। मंडावर सरपंच (प्रशासक) संजू सैन ने बताया कि बस यात्रियों से बिछडे गणवत केंवट को साथियों ने ढूंढा तो वह साधुओ के कैंप के पास गंभीर अवस्था में मिला। जहां से उसे अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे यात्री निजी वाहन करके मंडावर गांव ला रहे थे। मगर रास्ते में उसकी मौत हो गई।
भगदड़ में घायल हो गए थे गणपत
सरपंच प्रतिनिधि पुष्कर सैन ने बताया कि भगदड़ के दौरान गणपत को अंदरुनी चोट लग गई थी। इस पर उसे प्रयागराज अस्पताल में भर्ती कराया, यहां से छुट्टी मिलने के बाद निजी कार से उसे लेकर गांव आ रहे थे। दौसा जिले के मेंहदीपुर बालाजी के पास गणपत की तबीयत फिर से बिगड़ गई, तो उसके साथी यात्री पास के अस्पताल ले गए। जहां उसने कुछ देर बाद दम तोड़ दिया। गणपत के शव का गांव में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर किया गया।
24 जनवरी को मंडावर से गई यात्रा
ग्रामीण पुष्कर सैन ने बताया कि गणपत 24 जनवरी को मंडावर गांव से गई निजी बस में धार्मिक यात्रा पर निकला था। उसके साथ गांव से 10-12 अन्य यात्रियों के साथ ही शिवाड़ और अन्य गांवों के करीब 55 यात्री सवार थे। जो विभिन्न जगहों पर यात्रा करते हुए प्रयागराज पहुंचे थे। मृतक के साथ उसके परिवार के चचेरे भाई देवीशंकर और परसराम भी थे। मौनी अमावस्या स्नान से पूर्व हुई भगदड़ में वह ग्रुप से बिछड गया। काफी ढूंढने के बाद भी नहीं मिला, अगले दिन 29 जनवरी की रात को वह साधुओं के कैंप में घायलावस्था में मिला था।
(टोंक से कमलेश कुमार महावर की रिपोर्ट)
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