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पेपर लीक का राज! RSU नर्सिंग परीक्षा में बड़ा खेल, दो गिरफ्तार, आखिर कौन है मास्टरमाइंड?

ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जयपुर से, जहां RSU नर्सिंग सेमेस्टर इंटरनल परीक्षा का पेपर लीक कर उसे मोटी रकम में छात्रों को बेचा गया।
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RSU Nursing Paper Leak: शिक्षा के मंदिर में जब नकल और धांधली का साया पड़ता है, तो भविष्य अधर में लटक जाता है। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जयपुर से, जहां RSU नर्सिंग सेमेस्टर इंटरनल परीक्षा का पेपर लीक कर उसे मोटी रकम में छात्रों को बेचा गया। इस सनसनीखेज घोटाले का पर्दाफाश करते हुए जयपुर कमिश्नरेट की साइबर थाना पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अब उन छात्रों तक भी पहुंच रही है, जिन्होंने इस लीक पेपर का लाभ उठाया था। (RSU Nursing Paper Leak)क्या यह मामला यहीं खत्म होगा, या इसमें कोई बड़ा नेटवर्क शामिल है? पुलिस की जांच जारी है और हर नए खुलासे के साथ यह केस और भी रोचक होता जा रहा है!

पेपर लीक की सूचना से जांच तक का सफर

एडिशनल पुलिस कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि पुलिस को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा RSU नर्सिंग सेमेस्टर इंटरनल परीक्षा के पेपर लीक होने की सूचना मिली थी। इस पर जयपुर कमिश्नरेट के साइबर थाना पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए गए। जांच के दौरान पेपर लीक की पुष्टि हुई, जिसके बाद अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उनकी तलाश शुरू की गई।

लिखित प्रश्न पत्रों से खुली साजिश की परतें

जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUHS) से संबद्ध कई नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों को परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र की हाथ से लिखी प्रतियां मिल गई थीं। हालांकि, इसमें मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन (MCQs) शामिल नहीं थे, लेकिन मुख्य सवाल वही थे जो परीक्षा में आने थे। इस खुलासे के बाद पुलिस ने कई व्यक्तियों से पूछताछ की और तकनीकी इनपुट के आधार पर संदिग्धों की पहचान की।

मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी

गोपनीय जांच के बाद शुक्रवार को दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया—

जीतेन्द्र सिंह शेखावत (निवासी अनुपम विहार, करणी विहार)

यह RUHS के परीक्षा अनुभाग में सहायक रजिस्ट्रार के पीए के रूप में अनुबंधित कंप्यूटर ऑपरेटर था। आरोपी ने प्रश्न पत्र के कुछ सवालों को हाथ से लिखा और फिर उन्हें आगे भेजा।

दीपक सिंह शेखावत (निवासी विराट नगर)

यह पिंक सिटी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सिरसी रोड, जयपुर में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था।इसे जीतेन्द्र से पेपर मिला और उसने नर्सिंग कॉलेज के कई छात्रों तक इसे पहुंचाया। दीपक ने यह पेपर कई छात्रों को बेच भी दिया।

छात्रों की भूमिका की जांच जारी

पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि यह पेपर किन-किन छात्रों को बेचा गया। इस संबंध में दोनों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस ने इस ऑपरेशन को गोपनीय रखा, जिसमें साइबर थाना के एएसआई भोजराज सिंह, हैड कांस्टेबल जगदीश प्रसाद, संजय कुमार डांगी, कांस्टेबल भूप सिंह और धर्मेन्द्र ने अहम भूमिका निभाई।

आगे क्या?

अब पुलिस इस मामले के और गहराई से जांच कर रही है कि कहीं इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क तो नहीं। क्या सिर्फ ये दो आरोपी ही इस साजिश में शामिल थे या कोई और भी इसमें भागीदार था? आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं!

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