Jaipur News: थाने में सेना के जवान को निर्वस्त्र कर पीटने के मामले में मंत्री राठौड़ ने लगाई फटकार, पुलिकर्मियों पर गिरी गाज
Jaipur News: जयपुर। राजधानी जयपुर के शिप्रापथ थाने में सेना के जवान की निर्वस्त्र करके पिटाई के मामले में मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की नाराजगी के बाद कार्रवाई हुई है। मामले में सब इंस्पेक्टर सहित 4 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर हो गए। दरअसल, पुलिस थाने में सेना के जवान से मारपीट आरोपी की जांच के जयपुर पुलिस कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए थे। एसीपी से मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने नाराजगी जताई थी।
थाने में सेना के जवान के साथ हुई मारपीट
बता दें कि शिप्रापथ थाने में सेना के जवान के साथ 5 पुलिसकर्मियों ने जमकर मारपीट की। दरअसल, सेना के जवान किसी की सिफारिश लेकर थाने पहुंचे थे। लेकिन थाने में उनके साथ अभद्रता करते हुए बेरहमी के साथ मारपीट की गई। जवान को निर्वस्त्र कर डंडों से पीटा गया। सैनिक को यह भी कहा गया कि राजस्थान पुलिस आर्मी की बाप है। घटना के बाद मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने डीजीपी और पुलिस कमिश्नर से बातचीत की और मामले की जांच करने के निर्देश दिए।
पीड़ित जवान ने वीडियो किया शेयर
घटना के बाद पीड़ित जवान ने एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में जवान ने कहा मेरा दोस्त राजवीर शेखावत 11 अगस्त को रात में अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने गया था। वाइन क्लब में पुलिस की रेड के दौरान उसे पकड़ लिया गया और थाने ले जाया गया। जानकारी मिलने पर मैं थाने गया और परिचित से थानाधिकारी की बात करवाता हूं। गिरफ्तारी का कारण पूछने पर मेरे साथ अभद्रता की गई और इसके बाद निर्वस्त्र कर रिमांड रूम में ले जाकर मारपीट की गई।
मंत्री पहुंचे थाने
सेना के जवान के साथ मारपीट की घटना की जानकारी मिलने पर मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ थाने पहुंचे थे। उन्होंने एसीपी मानसरोवर संजय सिंह की जमकर क्लास लगाई थी। मीडिया से मंत्री ने कहा कि कश्मीर में तैनात भारतीय सेना के जवान को जयपुर में कुछ पुलिसकर्मियों ने निर्वस्त्र करके पीटा है। इसके बाद लोगों के बीच बिठाकर कुछ पुलिसकर्मी उससे दोहराते हैं कि पुलिस भारतीय सेना की बाप है।
कानून से काम करना चाहिए
मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि ये सरकार की जीरो टॉलरेंस में आता है कि चाहे पुलिस हो या प्रशासन का दूसरा डिपार्टमेंट। कानून और संविधान से काम करना हमारी जिम्मेदारी है। पुलिस को जो ताकत मिली है वह संविधान और सरकार ने दी है।
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