मदन दिलावर का बयान! 'सूर्य नमस्कार ' का विरोध करने वाले सूरज की रोशनी लेना भी बंद करें, जानें क्या बोले!'
Madan Dilawar: राजस्थान के स्कूलों में सूर्य नमस्कार के आयोजन को लेकर एक नई सियासी बहस छिड़ गई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस विरोध पर तीखा पलटवार करते हुए सवाल उठाया कि जो लोग सूर्य नमस्कार का विरोध कर रहे हैं, वे सूर्य के प्रकाश का लाभ क्यों ले रहे हैं? राज्य सरकार ने 3 फरवरी को सुबह 10:15 बजे पूरे प्रदेश में एक साथ सूर्य नमस्कार आयोजित करने की योजना बनाई है, लेकिन जैसे ही इसका विरोध शुरू हुआ, (Madan Dilawar)मंत्री दिलावर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। जानिए क्या है पूरा मामला और मंत्री का बयान।
सूर्य नमस्कार को भारतीय परंपरा का हिस्सा
शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि सूर्य नमस्कार भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और यह शरीर और मानसिक शांति के लिए फायदेमंद है। वहीं, राजनीतिक विरोधी इसे सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन मानने के बजाय इसे राजनीतिक एजेंडे से जोड़कर देख रहे हैं। मंत्री के ऐलान के साथ ही शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में इस आयोजन के लिए तैयारी तेज कर दी है।
विपक्षी नेताओं का विरोध..
पिछले साल के 1.33 करोड़ छात्रों के रिकॉर्ड को तोड़ने की योजना के बीच विपक्षी दलों ने इसे केवल राजनीति से प्रेरित आयोजन करार दिया है। लेकिन शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह भारतीय परंपरा का हिस्सा है और इस आयोजन में आम जनता को भी शामिल करने की अपील की है।
विरोधी क्यों ले रहे हैं सूर्य की रोशनी?
राजनीतिक बयानबाजी और विरोध के बावजूद, शिक्षा मंत्री ने अपने इस कदम को पूरी तरह से सांस्कृतिक आयोजन बताते हुए विरोधियों को चुनौती दी कि वे सूरज की रोशनी का विरोध करें। इस बयान ने राजनीति में नया मोड़ ला दिया है और इसके असर विधानसभा सत्र तक फैलने की संभावना है।
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