उत्कर्ष कोचिंग में छात्रों की बेहोशी की गुत्थी सुलझी! जांच रिपोर्ट ने बताई असली वजह!
Utkarsh Coaching Accident: उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में बेहोश हुए छात्रों के मामले में नया मोड़ आया है। पहले यह खबर आई थी कि सीवरेज की बदबू से बच्चे बेहोश हुए, लेकिन अब जोन उपायुक्त की रिपोर्ट ने पूरी स्थिति को पलट दिया है। (Utkarsh Coaching Accident)रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि सीवरेज का कोई लिंक नहीं था, बल्कि मिर्ची के छोंक और उसकी तेज बदबू के कारण छात्रों को बेहोशी का सामना करना पड़ा। इस नए खुलासे ने नगर निगम को क्लीन चीट सौंपते हुए मामले की उलझन को सुलझा दिया है।
नगर निगम ने दी क्लीन चीट
रविवार शाम को महेश नगर थाना क्षेत्र के गोपालपुरा बाइपास स्थित उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में एक अजीब घटना घटी, जब अचानक कई छात्र बेहोश हो गए। पहले यह माना गया था कि सीवरेज की बदबू से बच्चों की तबियत बिगड़ी, लेकिन अब नगर निगम की जांच रिपोर्ट ने पूरी तस्वीर को पलट दिया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मिर्ची के छोंक और उसकी तेज गंध के कारण छात्र बेहोश हुए थे।
जांच रिपोर्ट में खुलासा.. सीवरेज की बदबू नहीं थी
कोचिंग सेंटर को सोमवार को जांच पूरी होने तक सील कर दिया गया था, और नगर निगम की टीम ने तफ्तीश शुरू की। जोन उपायुक्त लक्ष्मीकांत कटारा के नेतृत्व में जांच की गई, और मंगलवार को रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि घटनास्थल पर सीवरेज की बदबू या किसी प्रकार की गंदगी का कोई संकेत नहीं मिला। टीम ने सीवरेज चेम्बर और आसपास के क्षेत्र की भी गहन जांच की, लेकिन कोई अवरोध या गंध नहीं पाई गई।
बच्चों के बयान से मिर्ची की गंध का खुलासा
जांच के दौरान जब प्रभावित बच्चों से बयान लिए गए, तो सभी ने मिर्ची की तेज गंध आने की बात कही। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि घटना पहले फ्लोर पर हुई थी, जहां बच्चों ने मिर्ची के गंध का अनुभव किया और इसके बाद वे बेहोश हो गए। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, अगर मीथेन गैस से यह हादसा होता, तो इसका असर सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर दिखाई देता, जो इस घटना में नहीं हुआ।
एफएसएल की जांच और पानी के सैंपल
एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी) की टीम ने घटना स्थल से पानी के सैंपल भी लिए हैं, और बेहोश हुए बच्चों से बातचीत में मिर्ची की गंध की पुष्टि हुई। इस सब ने यह स्पष्ट कर दिया कि सीवरेज से जुड़ी कोई घटना नहीं थी, बल्कि मिर्ची की गंध ही इस घटना का कारण बनी।
जांच कमेटी और अधिकारियों की टीम की रिपोर्ट
नगर निगम के मानसरोवर जोन ने इस घटना की जांच के लिए छह सदस्यीय टीम बनाई, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल थे। इस टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट अधिकारियों को सौंप दी है, और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या खतरनाक स्थिति का कोई संकेत नहीं मिला है।
छात्र नेताओं का विरोध और धरना
इस घटना के बाद, छात्रों ने कोचिंग सेंटर के सील होने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। राजस्थान यूनिवर्सिटी के निवर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे और पुलिस से झड़प भी हुई। छात्रों ने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध करते हुए यह धमकी दी कि जब तक कोचिंग सेंटर का सील नहीं खुलेगा, वे आंदोलन करेंगे। हालांकि, सोमवार शाम तक धरना समाप्त कर दिया गया।
निगम की कार्रवाई और छात्रों का तीव्र विरोध
कोचिंग सेंटर के सील होने के बाद, स्टूडेंट्स ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की और सील की कार्रवाई के खिलाफ धरना दिया। बड़ी संख्या में छात्र सेंटर के बाहर इकट्ठा हो गए, और उनका कहना था कि जब तक कोचिंग सेंटर का सील नहीं खुलेगा, वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। हालांकि, पुलिस ने सोमवार शाम तक सभी छात्रों को वहां से हटा दिया।
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