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Modi Government Third Term : मोदी सरकार 3.0 में किसकी छुट्टी, किसको मिलेगा मौका ?

Modi Government Third Term : लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने दिल्ली में सत्ता और राज्यों के प्रतिनिधित्व के समीकरण बदल दिए हैं। राजस्थान में भी इस बार भाजपा 14 सीटों पर सिमट गई, ऐसे में अब इस बात की...
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Modi Government Third Term : लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने दिल्ली में सत्ता और राज्यों के प्रतिनिधित्व के समीकरण बदल दिए हैं। राजस्थान में भी इस बार भाजपा 14 सीटों पर सिमट गई, ऐसे में अब इस बात की संभावना है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में राजस्थान की हिस्सेदारी कम हो सकती है।

राजस्थान की हिस्सेदारी कम होने की पहली वजह

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में राजस्थान की हिस्सेदारी घटने के पीछे पहली वजह देश में आम चुनावों में भाजपा को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिलना माना जा रहा है। भाजपा को सरकार बनाने के लिए गठबंधन के सहयोगियों का ज्यादा ख्याल रखना होगा। ऐसे में सहयोगी दलों के सरकार में भागीदारी के दबाव के बीच कितने भाजपा सांसदों को जगह मिल पाती है, यह देखने वाली बात है।

राजस्थान की हिस्सेदारी घटने की दूसरी वजह

मोदी सरकार 3.0 में राजस्थान का प्रतिनिधित्व घटने की आशंका की दूसरी वजह भी है। राजस्थान में साल  2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 25 सीट जीतीं थीं। साल 2019 में भी एनडीए में सहयोगी आरएलपी के हनुमान बेनीवाल सहित भाजपा के 25 सांसद थे। मगर इस बार भाजपा के 14 प्रत्याशी ही लोकसभा तक पहुंच पाए हैं।

मोदी सरकार 2.0 में राजस्थान का दबदबा

मोदी सरकार 2.0 में राजस्थान के जगदीप धनखड़ उप राष्ट्रपति बने। ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। इसके अलावा गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल और कैलाश चौधरी को भी मोदी सरकार में जगह मिली। इस बार संभवतः राजस्थान को इतनी तवज्जो न मिले।

पुरानी टीम में से किसे ड्रॉप करेंगे पीएम ?

मोदी सरकार में इस बार भूपेंद्र यादव भी राजस्थान के हिस्से में आ गए हैं। वे अब तक राज्यसभा से सांसद थे, लेकिन पहली बार अलवर के रास्ते दिल्ली पहुंच रहे हैं। जबकि गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल फिर संसद पहुंचने में सफल रहे। ऐसे में प्रधानमंत्री के सामने चुनौती अब सीमित स्थानों में मौजूदा मंत्रियों पर भरोसा बरकरार रखने या नए चेहरों को मौका देने की होगी।

नए चेहरे को भी मिल सकता है मौका

राज्य में अब भाजपा के पास 14 लोकसभा सदस्य हैं। इनमें 6 सांसद महिमा कंवर मेवाड़ राजसमंद, मंजू शर्मा जयपुर, राव राजेंद्र सिंह जयपुर ग्रामीण, दामोदर अग्रवाल भीलवाड़ा, मन्नालाल रावत उदयपुर, लुंबाराम चौधरी सिरोही पहली बार संसद में प्रवेश करेंगे। भागीरथ चौधरी दूसरी बार, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी तीसरी बार और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी तीसरी बार, दुष्यंत सिंह पांचवी बार संसद पहुंच रहे हैं। इनके अलावा चार राज्यसभा सदस्य राजेंद्र गहलोत, घनश्याम तिवाड़ी, चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ भी हैं। (Modi Government Third Term)

जाटों की नाराजगी कैसे होगी दूर ?

राजस्थान से केंद्र में प्रतिनिधित्व आमतौर पर 6 प्रमुख वर्गों जाट, राजपूत, मीणा, गुर्जर, दलित, आदिवासी के बीच ही रहा है। फिलहाल गजेंद्र सिंह शेखावत राजपूत, कैलाश चौधरी जाट, अर्जुनराम मेघवाल दलित के अलावा ओम बिरला वैश्य और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जाट और भूपेंद्र यादव ओबीसी से हैं। राज्य में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी दोनों ब्राह्मण हैं। दो उपमुख्यमंत्रियों में दीया कुमारी राजपूत और डा. प्रेमचंद बैरवा दलित हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों से जाट, मीणा और गुर्जर समाज की नाराजगी साफ नजर आ रही है, लेकिन भाजपा के पास गुर्जर और मीणा वर्ग से कोई सांसद नहीं है। जाट वर्ग से अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी और दुष्यंत सिंह हैं।

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क्या वसुंधरा राजे के बेटे को मिलेगा मौका

2024 का लोकसभा चुनाव  21वीं सदी का पहला चुनाव है, जब वसुंधरा राजे को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। इससे पहले 2003, 2008, 2013, 2018 के विधानसभा चुनाव और 2004, 2009, 2014, 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का कैंपेन वसुंधरा राजे के इर्द गिर्द ही रहा। 2023 के विधानसभा चुनाव में भी उनकी भूमिका कम नहीं थी। मगर इस आम चुनाव में स्टर प्रचारक की लिस्ट में शामिल होने के बाद भी वे सिर्फ अपने पुत्र दुष्यंत सिंह के संसदीय क्षेत्र झालावाड़-बारां तक ही सीमित रहीं। राजस्थान में इस अप्रत्याशित हार के बाद शायद भाजपा अलाकमान वसुंधरा राजे को कुछ अहमियत दे। वसुंधरा अपने पुत्र दुष्यंत के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, वे पहले भी दुष्यंत को मोदी सरकार में मंत्री बनाने की कोशिश कर चुकी हैं। वरिष्ठता के लिहाज से दुष्यंत नवनिर्वाचित सांसदों में सबसे ज्यादा पांचवी बार चुने गए हैं। ऐसे में इस बात की भी चर्चा हैकि क्या मोदी सरकार 3.0 में राजे के बेटे दुष्यंत को मौका मिलेगा।

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