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राजस्थान में धर्मांतरण कानून पर सियासी घमासान, विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकार का क्या है प्लान?

राजस्थान में जल्द ही धर्मांतरण कानून बनने की प्रक्रिया ने एक नया मोड़ ले लिया है।
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Anti-Conversion Bill In Rajasthan :राजस्थान में जल्द ही धर्मांतरण कानून बनने की प्रक्रिया ने एक नया मोड़ ले लिया है। भजनलाल सरकार ने राज्य विधानसभा में 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' पेश कर दिया है, और अब यह विधेयक संसद में बहस के बाद पारित करने की प्रक्रिया में है। राजस्थान 11वें राज्य के रूप में धर्मांतरण कानून बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है। (Anti-Conversion Bill In Rajasthan)मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार का यह कदम 16 साल बाद भाजपा के नेतृत्व में पुनः उठा है, जिसके पहले वसुंधरा राजे की सरकार ने इसे प्रस्तुत किया था। अब भाजपा इसे एक बार फिर कानून बनाने की प्रक्रिया में है।

धर्मांतरण विधेयक की चर्चा राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान शुरू हो गई है, और यह मुद्दा राजनीतिक हलकों में जबरदस्त विवाद पैदा कर रहा है। खासकर विपक्ष इसे असंवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ मानता है, वहीं भाजपा इसे देश में सामाजिक समानता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक आवश्यक कदम बताती है। अब देखना होगा कि क्या यह विधेयक राजस्थान के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा।

धर्म परिवर्तन विधेयक आखिर क्या है?

धर्म परिवर्तन विधेयक के तहत जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वाले लोगों पर सख्त अंकुश लगाया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति धोखे से, प्रलोभन देकर या धमकी देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराता है तो यह गैर कानूनी माना जाएगा।

इस विधेयक में आरोप सिद्ध होने पर कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही, अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन कर विवाह करता है, तो फैमिली कोर्ट उसे अमान्य घोषित कर सकता है।

राजस्थान में धर्म परिवर्तन करना नहीं होगा आसान

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेद विधेयक 2025‘ विधानसभा में पेश किया है। यदि यह विधेयक कानून बन जाता है, तो राजस्थान में जबरन धर्म परिवर्तन करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

यदि कोई व्यक्ति जबरन धर्म परिवर्तन करते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस विधेयक में कठोर सजा का प्रावधान किया गया है, जिससे राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाई जा सके।

राजस्थान में धर्मांतरण विधेयक क्यों जरूरी?

राजस्थान में धर्मांतरण विधेयक लाने की मुख्य वजह लव जिहाद और आदिवासी इलाकों में जबरन धर्म परिवर्तन के बढ़ते मामले हैं। कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। इसके अलावा, आदिवासी समुदाय के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने की घटनाएं भी सामने आई हैं। कानून मंत्री जोगाराम पटेल के अनुसार, यह विधेयक बेहद जरूरी है, जिससे प्रदेश में ऐसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सके।

धर्मांतरण कानून बनाने वाले राज्यों की सूची

राजस्थान से पहले, देश के 10 अन्य राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून पहले से लागू है। ये राज्य हैं –

ओड़िशा, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, झारखंड, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश

धर्मांतरण विधेयक के सख्त प्रावधान

लव जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन पर कठोर सजा का प्रावधान।

जबरन धर्मांतरण पर 3 से 10 साल की सजा।

मर्ज़ी से धर्म परिवर्तन करने पर 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देनी होगी।

फैमिली कोर्ट लव जिहाद करने वाले व्यक्ति का विवाह रद्द कर सकता है।

यह अपराध गैर जमानती (नॉन बेलेबल ऑफेंस) माना जाएगा।

एक से अधिक बार अपराध करने वालों को दोगुनी सजा मिलेगी।

इस विधेयक को लेकर राजस्थान में सियासत तेज हो चुकी है। भाजपा सरकार इसे धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा का कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे संविधान विरोधी करार दे रहा है। अब देखना होगा कि यह विधेयक विधानसभा में पारित होता है या नहीं।

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