भजनलाल सरकार का मास्टरस्ट्रोक! विश्वविद्यालयों में ‘कुलगुरु’, धर्मांतरण कानून पर सख्ती, निवेश को बढ़ावा
Bhajanlal Cabinet Meeting: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए। (Bhajanlal Cabinet Meeting)इसमें निवेश को बढ़ावा देने, युवाओं के सशक्तिकरण और धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए नए कानूनों और नीतियों को मंजूरी दी गई। आइए जानते हैं बैठक के प्रमुख निर्णय।
राजस्थान में डेटा सेंटर नीति को मंजूरी
सरकार ने राज्य में 300 मेगावाट तक के डेटा सेंटर स्थापित करने और 20,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने के लिए नई डेटा सेंटर नीति को मंजूरी दी है। इसके तहत:
निजी क्षेत्र को डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।
पहले तीन बेहतरीन डेटा सेंटर को सरकार की ओर से विशेष लाभ दिए जाएंगे।
राज्य सरकार 10 वर्षों तक 10-20 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां तैयार करेगी।
सरकार का मानना है कि इस नीति से राजस्थान टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब बनने की ओर अग्रसर होगा।
राजस्थान लॉजिस्टिक और टेक्सटाइल पॉलिसी को हरी झंडी
औद्योगिक विकास को गति देने के लिए टेक्सटाइल एंड अपैरल पॉलिसी और लॉजिस्टिक पॉलिसी को मंजूरी दी गई है।
टेक्सटाइल एंड अपैरल पॉलिसी के तहत:
स्टांप ड्यूटी और कन्वर्जन शुल्क में छूट मिलेगी।
80 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के निवेश से 10 वर्षों तक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे।
लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत:
परिवहन, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर को मजबूत किया जाएगा।
राजस्थान को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
औद्योगिक निवेश को गति देने के लिए सरकार विशेष योजनाएं लाएगी।
युवाओं के लिए ‘राजस्थान युवा नीति’ लागू
राज्य सरकार ने राजस्थान युवा नीति को हरी झंडी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य राज्य के युवाओं को रोजगार और शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है।
युवाओं को स्टार्टअप और उद्यमिता के लिए विशेष सहायता मिलेगी।
स्कूल-कॉलेज स्तर पर करियर काउंसलिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
सरकार नए उद्योगों को बढ़ावा देकर अधिक से अधिक नौकरियों के अवसर सृजित करेगी।
भाजपा सरकार का दावा है कि यह नीति युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
धर्मांतरण विधेयक पर गरमाई सियासत
राजस्थान सरकार ने विधानसभा में ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ पेश किया है। सरकार इसे जल्द से जल्द पारित करवाना चाहती है।
जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने को संज्ञेय अपराध घोषित किया जाएगा।
शादी के जरिए धर्म परिवर्तन करने को ‘लव जिहाद’ माना जाएगा और इसे अमान्य किया जा सकता है।
धर्मांतरण से पहले व्यक्ति को जिला कलेक्टर को सूचित करना होगा।
इस विधेयक को लेकर राज्य में जबरदस्त सियासी घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला कर रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि यह कानून धर्मांतरण के नाम पर हो रहे षड्यंत्रों को रोकने के लिए जरूरी है।
रीको को नए अधिकार मिले
राज्य सरकार ने रीको (RIICO) को धारा 16 के तहत नए अधिकार दिए हैं। इसके तहत:
औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को गति मिलेगी।
निवेशकों को आसानी से भूमि आवंटन और अन्य परमिट मिलने की प्रक्रिया तेज होगी।
औद्योगिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार विशेष योजनाएं लाएगी।
सरकार का मानना है कि इस कदम से राजस्थान में औद्योगिक निवेश को नई ऊंचाई मिलेगी।
विश्वविद्यालयों में पदनामों में बदलाव
राज्य सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक पदों के नाम बदलने का फैसला किया है।
अब ‘वाइस चांसलर’ को ‘कुलगुरु’ कहा जाएगा।
‘प्रो-वाइस चांसलर’ को ‘प्रति-कुलगुरु’ के नाम से जाना जाएगा।
भाजपा सरकार का कहना है कि यह फैसला भारतीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
भाजपा बनाम कांग्रेस: अगले सत्र में बढ़ेगा सियासी तापमान
राज्य सरकार बजट सत्र में कई अहम विधेयकों को पारित कराने की तैयारी में है। इनमें धर्मांतरण विधेयक, औद्योगिक निवेश नीति और लॉजिस्टिक नीति शामिल हैं।
भाजपा का दावा: यह विधेयक राज्य के विकास और सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हैं।
कांग्रेस का हमला: विपक्ष का कहना है कि सरकार वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाकर केवल राजनीतिक एजेंडा चला रही है।
माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में राजस्थान विधानसभा में जबरदस्त सियासी घमासान देखने को मिलेगा।
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