Loksabha Election Nagaur : नागौर में फिर हनुमान या ज्योति के पक्ष में रहेगा मतदान?
Loksabha Election Nagaur : नागौर। लोकसभा चुनाव के लिए सभी सात चरणों का मतदान संपन्न होने के बाद अब 4 जून को मतगणना के नतीजों का इंतजार है। इस बीच नागौर सीट को लेकर चर्चा चल रही है। चर्चा इस बात की है कि एग्जिट पोल में कांग्रेस को राजस्थान में 2 से 4 सीट मिलने का जो अनुमान लगाया जा रहा है। क्या उनमें नागौर भी शामिल है ?
उम्मीदवार वही, खेमा नया
नागौर संसदीय सीट पर INDIA गठबंधन की ओर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल चुनाव लड़े हैं जिनका मुकाबला कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुईं ज्योति मिर्धा से है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी ज्योति और हनुमान के बीच ही मुकाबला हुआ था। तब ज्योति मिर्धा कांग्रेस की प्रत्याशी थीं और हनुमान बेनीवाल भाजपा की तरफ से चुनाव लड़े थे। अब दोनों उम्मीदवार वही है, मगर खेमे बदल गए हैं।
एक बार भाजपा-एक बार कांग्रेस का ट्रेंड
पिछले कुछ सालों के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें तो नागौर में एक बार भाजपा एक बार कांग्रेस का ट्रेंड नजर आता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बतौर एनडीए प्रत्याशी आरएलपी के हनुमान बेनीवाल यहां से जीते थे। 2014 के चुनाव में भाजपा के सीआर चौधरी सांसद बने। 2009 में कांग्रेस की ज्योति मिर्धा सांसद बनीं। तो 2004 में भाजपा के भंवर सिंह विजयी हुए। तो 1998-99 में कांग्रेस के राम रघुनाथ चौधरी सांसद रहे।
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अब जाट वोटर्स ही जीत का आधार ?
नागौर की राजनीति में मिर्धा परिवार का वर्चस्व रहा है। बलदेवराम मिर्धा, रामनिवास मिर्धा, नाथूराम मिर्धा ने इस वर्चस्व को कायम रखा। मगर इसके बाद मिर्धा परिवार का वर्चस्व कम होने लगा। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ीं ज्योति मिर्धा हनुमान बेनीवाल से हार गईं थीं।
अब फिर हनुमान बेनीवाल से उनका मुकाबला है। हालांकि इस बार ज्योति मिर्धा को मोदी मैजिक के सहारे जीत की आशा है। वहीं, हनुमान बेनीवाल को कांग्रेस समर्थित वोट से फिर जीत की उम्मीद है। इस क्षेत्र में जाट वोटर्स निर्णायक हैं, ऐसे में ज्योति और हनुमान में से समाज के ज्यादा वोट जो हासिल करेगा, जीत का सेहरा उसी के सिर सजने की संभावना है।
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