Rajasthan: पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध पर क्यों छिड़ा है संग्राम ? पूरी कहानी
Farmers Protest Jalore: पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध पर पिछले 10 दिन से संग्राम छिड़ा हुआ है। जालोर के 300 गांवों के किसानों ने पहले कलेक्ट्रेट का घेराव किया। (Farmers Protest Jalore) फिर जोधपुर-बाड़मेर हाई-वे जाम कर दिया। जालोर के व्यापारियों ने भी किसानों के समर्थन में बाजार बंद रखे, तो अब भी किसानों ने जालोर कलेक्ट्रेट के बाहर पड़ाव डाल रखा है। आखिर जवाई बांध के पानी पर संग्राम क्यों छिड़ा हुआ है ? यह भी बताते हैं
जालोर में किसानों का आंदोलन जारी !
जवाई बांध से पर्याप्त पानी नहीं मिलने से जालोर के 300 गांवों के किसान आक्रोशित हैं। किसान पिछले 10 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरा किसानों ने पहले कलेक्ट्रेट का घेराव किया। इसके बाद हाई-वे जाम कर दिया गया। जालोर के बाजार बंद रहे, जालोर से बाकी शहरों को जाने वाले रास्ते भी जाम हैं और अभी भी जालोर कलेक्ट्रेट के बाहर किसानों का पड़ाव जारी है। किसानों का कहना है कि जवाई बांध के एक तिहाई पानी पर उनका हक है, जो किसानों को मिलना चाहिए।
जवाई बांध के पानी पर क्यों छिड़ा संग्राम ?
जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है, जिसका निर्माण 1956 में हुआ था। यह बांध पाली के सुमेरपुर में बना है, जो पाली, जालोर सहित कई जिलों के लिए पेयजल और सिंचाई के पानी का मुख्य स्त्रोत है। जवाई बांध से पाली-जालोर के 57 से ज्यादा गांवों को सिंचाई का पानी मिलता है। पाली सहित कई जिलों में इस बांध के पानी से पेयजल भी सप्लाई की जाती है। जालोर के किसानों का कहना है कि जवाई बांध से जलापूर्ति के बहाने पाली की कपड़ा फैक्ट्रियों को पानी दिया जा रहा है। जबकि जवाई बांध का एक तिहाई पानी जालोर के किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए मिलना चाहिए।
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